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मुंबई के बीवाईएल नायर सरकारी अस्पताल के हॉस्टल में एक 23 साल की मेडिकल स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली. पुलिस के मुताबिक, आदिवासी समुदाय से आने वाली पायल तडवी ने फांसी लगा कर जान दे दी. इस मामले में तीन महिला डॉक्टरों डॉ. हेमा आहूजा, डॉ. भक्ति मेहरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ये तीनों ही पायल की सीनियर थीं और बताया जा रहा है कि इन्हीं की रैगिंग की वजह से पायल ने खुदकुशी की है.
डॉ. तडवी ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनाकॉलोजी की दूसरे साल की पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्रा थीं और गढ़चिरौली के जनजातीय इलाकों में सेवा दे चुकी थीं.
पायल की मां ने भी सीनियर्स पर लगातार जातिवादी तंज कसने का आरोप लगाया है. ये तीनों डॉक्टर अभी फरार हैं. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स ने इनकी सदस्यता रद्द कर दी है. पुलिस ने बताया है कि आरोपी डॉक्टर्स ने स्टूडेंट्स के WhatsApp Group पर भी पायल को भला-बुरा कहा.
27 मई को आरोपी डॉक्टर्स ने एसोसिएशन को लिखा, "हम चाहते हैं कि कॉलेज निष्पक्ष जांच करे. लेकिन पुलिस फोर्स और मीडिया के दबाव के बीच हमारी बात सुने बिना जांच करना ठीक नहीं है."
उन्होंने कहा, "अगर ज्यादा काम को रैगिंग का नाम देंगे, तो हम सब की कभी न कभी हमारे सीनियर्स ने बेसिक ड्यूटी करते हुए रैगिंग की है. इस हिसाब से हम सभी पर आरोप लगना चाहिए. क्योंकि ये ज्यादा काम हमारे सीनियर्स (लेक्चरर, एपी, एचओयू और एचओडी) ही हमें देते हैं."
पायल के परिवार ने दावा किया है कि खुदकुशी जैसा इतना बड़ा कदम उठाने से पहले पायल ने रैगिंग को लेकर अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी. तडवी के भाई ने बताया, इस साल जब पायल सेकंड ईयर में आई थी. तो उसका फिर हैरेसमेंट किया जाने लगा. वो लोग मरीजों के सामने उसे परेशान करते थे.
तडवी ने अपने साथ हो रहे हैरेसमेंट के बारे में परिवार के सदस्य को कई बार बताया. तीन बार परिवार के हॉस्पिटल अथॉरिटी से संपर्क करने की कोशिश की. परिवार का दावा है कि वहां उनका अपमान किया गया, पायल की स्किल पर सवाल किए, धमकी दी कि उसे प्रसव कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
आखिरकार दस दिन पहले पायल की मां अबेदा सलीम कॉलेज के डीन से मिलने गईं. लेकिन उस समय वो वहां मौजूद नहीं थे.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नायर अस्पताल ने डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, इंटरनल कमिटी के पांच सदस्य और महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के पांच सदस्यों की एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है.
शुरुआती जांच के बाद, अग्रीपाड़ा पुलिस ने गुरुवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम, एंटी-रैगिंग और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत आत्महत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी. जबकि उनकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.
नायर अस्पताल के डीन डॉ आरएन भारमा से जब इस मामले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कि उन्हें रैगिंग की कोई शिकायत नहीं मिली है. MARD अध्यक्ष डोंगरे ने कहा कि रैगिंग पर सीनियर मेडिकल छात्रों के लिए एक वर्कशॉप शुरू की जाएगी और फर्ल्ट ईयर के छात्रों के लिए काउंसलिंग सीजन आयोजित किया जाएगा.
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