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मुंबई क्रूज शिप ड्रग्स मामले (Mumbai Drugs Case) में जांच एजेंसी नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) लगातार सवालों के घेरे में है. सत्ता में काबिज पार्टी एनसीपी की तरफ से एक बार फिर एजेंसी को घेरा गया तो एनसीबी की तरफ से फिर सफाई सामने आई. एनसीबी ने फिर साफ किया है कि उनका किसी भी गवाह के साथ कोई लेना देना नहीं है.
जांच एजेंसी की तरफ से सफाई देते हुए डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि, NCB एक निष्पक्ष संस्था है जो देश मे नशामुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है. एक जानकारी के आधार पर कॉर्डेलिया क्रूज पर रेड की गई और 8 लोगों को हिरासत में लिया गया. जिन गवाहों को बीजेपी नेता बताया जा रहा है, उन्हें लेकर सिंह ने कहा,
एनसीबी की तरफ से आगे अपनी सफाई में कहा गया कि, "उस दिन कुल 14 लोगों को NCB कार्यालय लाया गया. उनकी पूछताछ की गई. 8 लोगों के खिलाफ सबूत मिले तो उन्हें अरेस्ट किया गया. बाकी 6 लोगों को सबूत के अभाव की वजह से छोड़ा गया."
ये पिछले कुछ दिनों में लगातार दूसरी बार है जब एनसीबी को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. क्योंकि महाराष्ट्र सरकार में शामिल एनसीपी लगातार एजेंसी पर हमलावर है. एनसीपी नेता नवाब मलिक आरोप लगा रहे हैं कि क्रूज पर हुई ये पूरी रेड एक फर्जीवाड़ा है. इसमें शाहरुख खान के बेटे को फंसाने की प्लानिंग थी. यहां तक कि मलिक ने मुंबई पुलिस से जांच करवाने की बात भी कही है. साथ ही ये आरोप लगाया कि, रेड के दौरान कुछ और लोग भी पकड़े गए थे, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया. उनमें से एक ऋषभ सचदेव भी था, जो बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहित कंबोज का साला है.
एनसीपी की तरफ से लगाए गए इन्हीं आरोपों का जवाब अब एनसीबी ने दिया है. इससे पहले भी एनसीपी ने गोसावी और भानुशाली को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे. भानुशाली आरोपियों का हाथ पकड़कर ले जाते हुए देखे गए थे, जिसके बाद उनकी तस्वीरें पीएम मोदी, अमित शाह और फडणवीस के साथ सामने आईं. बाद में एनसीबी ने सामने आकर बताया था कि ये दोनों गवाह हैं.
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