Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'हिंसा से पहले उकसाने की कोशिश':मुंबई के मीरा रोड के हिंदू-मुस्लिम चाहते हैं शांति

'हिंसा से पहले उकसाने की कोशिश':मुंबई के मीरा रोड के हिंदू-मुस्लिम चाहते हैं शांति

Mumbai | 'स्थानीय नेताओं के भाषणों और सोशल मीडिया पोस्ट ने भी उकसाने का काम किया'

नाजिया सईद & ईश्वर
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>'हिंसा के लिए भड़काया गया': मुंबई में मीरा रोड के हिंदू-मुस्लिम सब चाहते हैं शांति</p></div>
i

'हिंसा के लिए भड़काया गया': मुंबई में मीरा रोड के हिंदू-मुस्लिम सब चाहते हैं शांति

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

मुंबई (Mumbai) के मीरा रोड (Mira Road) के नया नगर इलाके में रहने वाली दो बच्चों की मां नाहिदा सैयद ने कहा, "मैंने डर से अपने बच्चों को पिछले दो दिनों से स्कूल नहीं भेजा है. लेकिन मैं उन्हें हमेशा के लिए घर के अंदर नहीं रख सकती. जो होना था वह पहले ही हो चुका है. हमें अब आगे बढ़ने की जरूरत है."

नाजिया 21 जनवरी की रात के बाद पहली बार बुधवार, 24 जनवरी को अपने घर से बाहर निकली थीं, जब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा जुलूस पर कथित हमले के बाद इलाके में सांप्रदायिक झड़पें भड़क उठी थीं.

नाजिया का परिवार छह साल से वहीं रह रहा है लेकिन उन्होंने अब तक कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं देखा था.

मंगलवार, 23 जनवरी को मुंबई में अयोध्या के राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर दो समूहों के बीच तनाव पैदा होने के बाद तैनात पुलिसकर्मी.

(फोटो: पीटीआई)

उन्होंने कहा कि, "ऐसा कुछ भी कभी भी पहले नहीं हुआ. मुझे नहीं लगता कि किसी ने इसको लेकर कोई योजना बनाई होगी. बस हो गया होगा. हम तीन दिनों तक बाहर नहीं निकले लेकिन हमें जीवित रहना है. मुझे अपने बच्चों और अपने पति का डर लगता है लेकिन क्या हमारे पास कोई और विकल्प है? मैं बस यही उम्मीद करती हूं कि चीजें सामान्य हो जाएं."

'हिंसा से पहले कई दिनों से तनाव बढ़ रहा था...': निवासियों ने झड़प को याद करते हुए बताया

नाजिया की तरह, नया नगर इलाके के कई निवासी पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से डरे हुए हैं, यह इलाका अतीत में शांतिपूर्ण रहा है.

इस इलाके में कई दुकानें भी हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि 21 जनवरी की रात को हिंदू समुदाय के सदस्यों के नेतृत्व में एक जुलूस कथित तौर पर लोढ़ा रोड पर टैनी विला मस्जिद और मोहम्मद मस्जिद के बाहर आया और धार्मिक नारे लगाए. कथित तौर पर जुलूस में भगवा झंडे के साथ बाइक और कारें थीं. एक स्थानीय निवासी रिजवान खान ने कहा,

"उनमें से कुछ लोग गलती से एक बंद सड़क पर मुड़ गए. उस सड़क पर एक मस्जिद है. वहां मौजूद लोगों को लगा कि बाइक सवार मस्जिद में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. इससे वहां स्थिति और बिगड़ गई और कुछ स्थानीय लोगों ने बाइकर्स पर हमला कर दिया."

मंगलवार, 23 जनवरी को मुंबई में अयोध्या के राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर दो समूहों के बीच तनाव होने के बाद अलर्ट पर पुलिसकर्मी.

(फोटो: पीटीआई)

रविवार को हुई झड़प का एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक महिला पर हमला होता भी दिख रहा था.

रिजवान ने कहा कि, "मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़कों की एक और गलती यह थी कि उनमें से कुछ ने घटना के वीडियो रिकॉर्ड किए, जिसमें बाइकर्स को पीछे हटते देखा जा सकता है. ये वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया साइटों पर पोस्ट किए और उन्हें डराने का श्रेय भी लिया. यह गलत था. इसने आग में घी डालने का काम किया."

हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि 22 जनवरी को हुए अयोध्या मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से कुछ दिन पहले ही इलाके में तनाव शुरू हो गया था.

रिजवान ने ये भी कहा कि, "कुछ लोग यहां मस्जिद के पास आते थे और 'जय श्री राम' का नारा लगाते थे और चले जाते थे. वे उपद्रव करते थे और वरिष्ठ लोगों के हस्तक्षेप के बाद लौट जाते थे. उनके जाने के बाद चीजें सामान्य हो जाती थीं. रविवार को जो हुआ वह इसी की एक कड़ी थी."

पुलिस के मुताबिक, झड़प से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए थे. सोशल मीडिया के माध्यम से कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोप में मीरा रोड पुलिस ने एक अबू शेख नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है, जिसने हिंदुओं को संबोधित करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था और उनसे "पीछे हटने या परिणाम भुगतने" के लिए कहा था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'स्थानीय नेताओं के भाषणों और सोशल मीडिया पोस्ट ने भी उकसाने का काम किया'

पुलिस कर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की भारी मौजूदगी के बावजूद सोमवार और मंगलवार को इलाके में हिंसा और झड़पों का जारी रहना कई लोगों को आश्चर्यचकित करता है.

जहां सोमवार को पथराव की घटना की सूचना मिली थी, वहीं मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्यों में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों और वाहनों को लाठियां लिए भीड़ द्वारा तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया है.

कई स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि अगले दो दिनों में तनाव कम हो सकता था यदि स्थानीय नेताओं ने भाषण नहीं दिए होते और सोशल मीडिया पोस्ट नहीं डाले होते जो उकसावे की तरह थे.

मीरा-भायंदर की बीजेपी विधायक गीता भरत जैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दावा किया कि स्थानीय लोगों ने किसी को भी एंट्री से रोकने के लिए इलाके में बैरिकेड्स लगा दिए हैं. उन्होंने कहा कि, "हम कमिश्नर से मिले और उनसे कहा कि इलाके में बैरिकेड हटा दिए जाने चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसा किया जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम खुद बैरिकेड हटा देंगे और इलाके से गुजरेंगे."

मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों के धमकी भरे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर जैन ने कहा, "उनमें से कुछ लोग (कार्रवाई करने के लिए) पंद्रह मिनट का समय मांग रहे हैं, उनमें से कुछ कह रहे हैं कि वे 10 मिनट में कार्रवाई कर सकते हैं. हमारे पास जो आंकड़े हैं, पांच मिनट हमारे लिए काफी हैं."

पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई लेकिन बुलडोजर की कार्रवाई से निवासी नाखुश

झड़प के दो दिन बाद, नगर निगम ने 23 जनवरी को दंगा प्रभावित हैदरी चौक में 15 कथित अवैध इमारतों पर बुलडोजर चला दिया. हालांकि नगर निगम अधिकारी इस बात से इनकार करते हैं कि इसका दंगों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन दुकानदारों और निवासियों का मानना ​​है कि ये बात सही नहीं है.

साजिद शेख उसी इमारत में रहते हैं जिसके नीचे एक कथित अवैध दुकान को तोड़ा गया. उन्होंने कहा "यह (तोड़फोड़) सिर्फ हमें हमारी औकात दिखाने के लिए थी. अब इन दुकानों को क्यों तोड़ा गया?"

ज्यादातर निवासियों का मानना ​​है कि दुकानों गिराना राजनीति से प्रेरित था.

मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस अब तक कहती रही है कि दंगे पहले से नियोजित नहीं किए गए थे. पुलिस ने कहा कि दंगा करने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और फर्जी वीडियो और अपराधियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.

"पुलिस ने दंगों और सोशल मीडिया पर भड़काऊ या फर्जी पोस्ट करने के संबंध में अब तक 10 एफआईआर दर्ज की हैं. नया नगर में रविवार रात के दंगे के बाद 6 एफआईआर दर्ज की गईं, दो एफआईआर आवारागर्दी से संबंधित हैं. सोमवार को सड़क किनारे स्टालों पर हमले; और दो एफआईआर सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से फर्जी वीडियो पोस्ट करने से संबंधित थीं."
श्रीकांत पाठक, एसीपी

पुलिस ने गुरुवार 25 जनवरी को नया नगर इलाके में मार्च निकाला.

(फोटो: नाजिया सईद)

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है और घटनाओं के सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच भी कर रही है और उसके अनुसार और गिरफ्तारियां की जाएंगी.

इलाके में राज्य रिजर्व पुलिस बल की 6 प्लाटून और आरएएफ की तीन प्लाटून सहित 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.

पुलिस ने सोशल मीडिया नेटवर्क पर भड़काऊ पोस्ट डालने को लेकर कई ग्रुप एडमिन को भी चेतावनी दी है.

'और राजनीतिकरण न करें': नया नगर के हिंदू और मुस्लिम सामान्य स्थिति चाहते हैं

क्विंट हिंदी ने उस इलाके के गैर-मुस्लिम दुकान मालिकों और निवासियों से भी बात की, जिन्होंने कहा कि वे सामान्य स्थिति चाहते हैं.

गणेश प्रजापति पिछले 25 साल से इलाके में मेडिकल और जनरल स्टोर चलाते हैं.

उन्होंने कहा, "मैं असुरक्षित महसूस क्यों करूं? मैं यहां 25 साल से ज्यादा समय से रह रहा हूं और अभी भी काम कर रहा हूं. यहां रहने वाले किसी भी मुस्लिम से मुझे कोई परेशानी नहीं हुई. अगर ऐसा होता तो मैं यहां से चला जाता. मुझे नहीं पता कि उस दिन जो घटना घटी वो कैसे घटी, लेकिन ऐसा पहले नहीं हुआ और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए."

एक सब्जी बेचने वासे मोनू सिंह ने कहा, "मेरे परिवार की कई पीढ़ियों ने यहां सब्जियां बेची और हमें कभी कोई समस्या नहीं हुई. जो हुआ वह तो होना ही नहीं चाहिए था. पुलिस को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था. मुझे लगता है कि कुछ न कुछ तो जरूर हुआ होगा वरना ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती."

इलाके के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अजीमुद्दीन ने कहा, "यह सब इलाके के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए किया गया है. हम यहां सालों से रह रहे हैं. हमने पहले कभी इस तरह का कुछ भी होते नहीं देखा है. हम यह भी समझते हैं प्राण प्रतिष्ठा हर किसी के लिए खुशी का पल था. हम भी खुश हैं. इसे मनाया जाना चाहिए. हम सभी दिवाली और ईद मनाते हैं. इसमें समान भागीदारी है."

उन्होंने आगे कहा कि, इतने हंगामे की कोई जरूरत नहीं थी. जय श्री राम का नारा लगाने में कोई बुराई नहीं है. दोनों समुदाय गुंडागर्दी में शामिल हुए जो गलत है. ये राजनेता दरार पैदा करना चाहते हैं और उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि अफवाहों पर विश्वास न करें और एकजुट रहें."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 26 Jan 2024,10:57 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT