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नंदीग्राम हिंसा: चुनाव से ठीक पहले तनाव, राज्यपाल ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

Nandigram Violence: सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा का आरोप तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी पर लगाया है.

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<div class="paragraphs"><p>नंदीग्राम हिंसा: चुनाव से ठीक पहले तनाव, राज्यापाल ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट</p></div>
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नंदीग्राम हिंसा: चुनाव से ठीक पहले तनाव, राज्यापाल ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

फोटो- PTI

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नंदीग्राम (Nandigram) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महिला कार्यकर्ता की हत्या के बाद तनाव का माहौल. वारदात से गुस्साए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार, 23 मई को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों के टायर जलाए, सड़कें जाम कीं और दुकानें बंद कराई. अब इस मामले में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट तलब की है.

दरअसल, बुधवार, 22 मई की देर रात अज्ञात बदमाशों ने कथित रूप से बीजेपी की महिला कार्यकर्ता की हत्या कर दी. पुलिस के अनुसार, हमले में मृतका रथीबाला आड़ी का बेटा संजय सहित सात अन्य लोग घायल हुए हैं.

बीजेपी का आरोप है कि ये हत्या तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने की है. हालांकि टीएमसी ने इस आरोप को खारिज किया है.

ममता बनर्जी से राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और उनकी सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार,

एक अधिकारिक बातचीत में राज्यपाल ने ममता बनर्जी को 'चेतावनी' दी कि वह हिंसा बंद करें. साथ ही बोस ने सीएम को मौजूदा माहौल पर जल्द से जल्द आदर्श आचार संहिता (MCC) के मापदंडों के तहत उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

राज्यपाल ने नंदीग्राम हिंसा को राज्य सरकार की ओर से प्रायोजित हिंसा करार दिया है. बोस ने कहा है कि "किसी भी तरह के संवैधानिक उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी." इस संबंध में राज्यपाल ने गुरुवार शाम को राज्य सचिवालय को आधिकारीक आदेश जारी किया.

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कैसे भड़की हिंसा?

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में छठे चरण के मतदान से दो दिन पहले हुई इस हत्या की वारदात के बाद इलाके में बीजेपी कार्यकर्ता ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के विरोध में 23 मई की सुबह नंदीग्राम के सोनाचूरा गांव में हिंसा भड़क उठी. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई घरों में आग लगा दी और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के घरों पर हमला किया. ग्रामीणों ने पेड़ गिराकर सड़क जाम कर दी और पुलिस को हिंसा प्रभावित इलाकों में घुसने से रोक दिया.

टीएमसी नेता राजीव बनर्जी ने स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है.

वहीं टीएमसी नेता शांतनु सेन ने इस घटना को "नंदीग्राम में पार्टी के पुराने नेताओं और नए सदस्यों के बीच बीजेपी की आंतरिक कलह का प्रतिबिंब" बताया है.

जानकारी के मुताबिक, रथीबाला नंदीग्राम के सोनाचुरा गांव में बीजेपी के प्रचार में जुटी थी. नंदीग्राम तामलुक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है जहां 25 मई को छठे चरण में मतदान होना है.

बीजेपी नेताओं ने क्या कहा?

बीजेपी नेता और नंदीग्राम के विधायक सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा भड़काए जाने का आरोप तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी पर लगाया है. सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा,

"यह खून-खराबा कल [22 मई] नंदीग्राम में भाईपो [भतीजे] के उकसावे का सीधा नतीजा है. अपनी निश्चित हार को महसूस करने के बाद तृणमूल ने बर्बर हत्या की साजिश रची. इन जिहादियों के हाथ एक महिला की हत्या करने से पहले नहीं कांपते."

बुधवार को नंदीग्राम में एक रैली में बोलते हुए अभिषेक ने कहा था, "कुछ लोग परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें लाठी से भगाया जाएगा. किसी को मत छोड़ो. आपको खुद ही वोट करना है. इसे कोई नहीं रोक सकता. 2021 में शुरू हुआ खेल 4 जून को खत्म होगा."

अपने पोस्ट में अधिकारी ने आगे लिखा कि "बीजेपी इस मामले को कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से आगे लेकर जाएगी."

वहीं नंदीग्राम में टीएमसी नेता स्वदेश दास ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि “कुछ पारिवारिक विवाद थे और हत्या उसी का परिणाम हो सकती है. ”

तामलुक सीट पर बीजेपी और तृणमूल के बीच टक्कर

नंदीग्राम को सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है. 2021 के विधानसभा चुनाव में सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 1,956 मतों के अंतर से मात दी थी.

वहीं तामलुक लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला इस बार बीजेपी के अभिजीत गंगोपाध्याय और तृणमूल के देबांग्शु भट्टाचार्य के बीच है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

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