advertisement
यूपी के हापुड़ में 18 जून को मीट कारोबारी कासिम कुरैशी को पीट-पीट कर हत्या कर दिए जाने के मामले को पुलिस ने रोडरेज का करार दिया था. जबकि पीड़ित के परिवार और आरोपी दोनों पक्षों का कहना है कि कुरैशी को गोहत्या के आरोप में मार डाला गया है. उसी तरह अप्रैल में अलवर में पहलू खान की मौत के मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था लेकिन सबूत के अभाव में इन्हें छोड़ दिया गया. एनडीटीवी ने दोनों मामलों में स्टिंग के जरिये दावा किया है कि पुलिस की जांच में खामियां गिनाई हैं. इस वीडियो में आरोपी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इन घटनाओं को अंजाम दिया है.
हापुड़ के बछेड़ा खु्र्द में कासिम कुरैशी की हत्या के मामले में राकेश सिसोदिया समेत नौ लोग आरोपी हैं. कोर्ट में ज़मानत की मांग करते वक़्त राकेश ने कहा कि हमले में उसका कोई रोल नहीं है और वो मौके पर मौजूद ही नहीं था. लेकिन एनडीटीवी के स्टिंग में वह कहता है कि उसने जेलर अफसरों और कर्मचारियों को बताया कि कैसे उसने इसे अंजाम दिया.
राकेश ने कासिम के बारे में कहा, 'वो मुझसे कह रहा था (उसकी आवाज नहीं निकल रही थी) पानी... मैंने कहा तुझे पानी पीने का हक नहीं है. तूने मरती हुई गाय को पानी नहीं दिया है और ये मेरी फौज तुझे छोड़ेगी नहीं, तुझे एक एक मिनट मारेगी.
राकेश वीडियो में यह कहता दिख रहा है- जेल से छूटने के बाद उसका हीरो की तरह स्वागत हुआ और इससे उसके समर्थकों की फौज भी बढ़ गई. एकमात्र ग़लती जो उसे लगी वो ये कि इस पूरी घटना का उसके लड़कों ने मोबाइल पर वीडियो बना लिया. लेकिन इस बार पुलिस उनके साथ है जबकि पिछली सरकारों में ऐसा नहीं होता था.
इस साल अप्रैल में अलवर में पहलू खान की मौत के मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था लेकिन सबूत के अभाव में इन्हें छोड़ दिया गया. प्रॉसिक्यूशन के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों की शिनाख़्त परेड भी नहीं कराई जो इस केस की सबसे बड़ी कमज़ोरी है. एनडीटीवी ने पुलिस की जांच में खामियां गिनाई हैं. पहलू खान को गाय ले जाने के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया गया था.
एनडीटीवी की टीम विपिन यादव से मिली. पुलिस ने जो शुरुआती गिरफ़्तारियां कीं उनमें विपिन नहीं था. उसका नाम शुरुआती एफ़आईआर में भी नहीं था. अपनी ज़मानत याचिका में यादव ने दलील दी कि वो उस जगह नहीं था जहां पहलू ख़ान को पीटा गया. एनडीटीवी की टीम के सामने उसने कहा कि पहलू खान को पीटने वालों में वो भी था बल्कि उसने एक घंटे से भी ज़्यादा समय तक उसे मारा. बल्कि विपिन ये मानता है कि वही था जिसने पहलू के ट्रक को रोका था और उसकी चाबियां अपनी जेब में रख ली थीं.
एनडीटीवी के स्टिंग के खुलासे के मुताबिक पुलिस ने हमलावरों की पहचान नहीं की. जो मिला उसे उठा लिया. विपिन यादव का कहना है कि वो लोग पहले भी भाग गए थे. पुलिस ने ऐसे ही छह-सात लोगों को उठा लिया था. इस बीच, एनडीटीवी के खुलासे के बाद मंगलवार को हापुड़ लिंचिंग मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पीड़ित समयुद्दीन ने एक याचिका दायर कर आरोपियों की ज़मानत रद्द करने और लिंचिंग केस का ट्रायल उत्तर प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की है
ये भी पढ़ें : वायरल फोटो पर बोली हापुड़ पुलिस-लोग कासिम को गड्ढे से निकाल रहे थे
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)