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भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को उत्तर प्रदेश की कानपुर देहात पुलिस ने CrPC की धारा 160 के तहत नोटिस दिया है. यह नोटिस उनके गाने "यूपी में का बा सीजन- 2" के लिए थमाया गया है, जिसमें नेहा ने कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां बेटी की हुई जलकर मौत के मामले में उत्तरप्रदेश सरकार को जमकर घेरा है.
इसी बीच क्विंट हिंदी ने नेहा से बातचीत की. नोटिस की बात पर नेहा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने अपने गाने में वही गाया जो सरकार कर रही है. "यह (उत्तर प्रदेश सरकार) जो कर रहे हैं वह मैंने लिखा है. मैंने अलग से थोड़ी कुछ लिखा हुआ है. यह रंगबाजी ही तो है कि घर में दो लोग हैं और आप उस पर बुलडोजर चलवा रहे हैं. यह रंगबाजी नहीं तो क्या है? यह संवेदनहीनता नहीं तो क्या है?"
नोटिस का जवाब देने की बात पर नेहा ने स्पष्ट किया कि वह सवाल करती हैं और करती रहेंगी. "मैं जवाब नहीं दूंगी. मैं सवाल करती हूं. मैंने सवाल पूछा है. मेरे सवाल लगातार जारी रहेंगे. मैं जवाब नहीं दूंगी. यह मेरा जवाब देंगे.
बातचीत के दौरान गायिका नेहा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की कानपुर देहात पुलिस पहले उनके ससुराल अंबेडकरनगर पहुंची, जहां पर उनके ससुर को नोटिस थमाया. बाद में पुलिस को उनके दिल्ली में होने की जानकारी मिली.
कानपुर देहात पुलिस के एक अधिकारी ने नोटिस पर जानकारी देते हुए कहा कि "थाना अकबरपुर में लिखित और मौखिक शिकायत हुई थी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर नामक महिला की ओर से अपलोड किया गया है, जिससे समाज में वैमनस्यता और भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हुई है. उक्त शिकायतों के आधार पर प्रभारी निरीक्षक अकबरपुर की ओर से उक्त महिला को 160 CrPC का नोटिस तामिल कराया गया है. नोटिस का जवाब मिलने पर नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी."
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गायिका नेहा सिंह राठौर को दिए गए नोटिस की खबर मीडिया में आने के बाद कई वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर आनी शुरू हो गई है. इस नोटिस को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा शुरू हो गई है और समाजवादी पार्टी ने BJP पर हमले शुरू कर दिए हैं.
SP की मीडिया सेल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "यूपी में का बा, लोकगायन से BJP सरकार को आईना दिखाने वाली लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को BJP शासित योगी सरकार ने पुलिस का नोटिस भेजा है. निश्चित ही BJP सरकार का चेहरा बदसूरत ,क्रूर और वहशी है. इसीलिए ये सरकार आईने से डरती है और आईना दिखाने वालों को नोटिस/जेल भेजती है. शर्म करे BJP."
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में प्रशासन के बुलडोजर एक्शन के दौरान एक झोपड़ी में "फंसी" मां और बेटी की जलकर मौत हो गई थी. यह हादसा कानपुर देहात के रूरा थाने की सीमा के अंदर आने वाले मडौली गांव में 13 फरवरी की दोपहर एक अतिक्रमण विरोधी अभियान (Kanpur anti-encroachment) के बीच हुआ था. मृतकों के परिवार ने आरोप लगाया था कि सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी थी और उन्हें जलता छोड़ भाग गए थे. मरने वाली मां-बेटी की पहचान प्रमिला दीक्षित (44) और नेहा दीक्षित (21) के रूप में हुई थी. घटना में प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित भी झुलस गए थे.
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