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सीबीआई के नए चीफ ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को अपना पदभार संभाल लिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर चुना गया था. जिसके बाद अब ऋषि कुमार ने अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव से सभी चार्ज ले लिए हैं. ऋषि कुमार शुक्ला अगले दो साल तक के लिए बतौर सीबीआई चीफ के तौर पर काम करेंगे. कुर्सी संभालते ही उनकी नजर बंगाल में चल रहे घमासान पर होगी.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमिटी ने ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर अंतिम मुहर लगाई थी. इस कमिटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल थे. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ऋषि कुमार की नियुक्ति के विरोध में थे. लेकिन आलोक वर्मा को हटाए जाने वाले फैसले की ही तरह 2-1 से फैसला ले लिया गया.
सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से नए सीबीआई चीफ को लेकर बैठक होनी थी. जिसके लिए 24 जनवरी की तारीख की घोषणा हुई. बताया गया कि इस दिन सीबीआई चीफ के नाम पर चर्चा होगी और नए सीबीआई चीफ पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन इस बैठक में कोई भी फैसला नहीं लिया गया. किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद 1 फरवरी को दूसरी बैठक हुई. जिसमें कुछ नामों पर चर्चा के बाद ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी गई.
मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला ने अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत रायपुर से की थी. आईपीएस में सेलेक्शन के बाद शुक्ला रायपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक रहे. पुलिस अधीक्षक के तौर पर सबसे पहले वह दमोह में 1986 में पहुंचे. इसके बाद साल 1992 से 1996 तक भारत सरकार की सेवा में तैनात रहे.
शुक्ला साल 1996 में मध्य प्रदेश लौटे तो उन्हें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(प्रशासन) के तौर पर पदस्थ किया गया. इसके अलावा शुक्ला अपने सेवाकाल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेल, नारकोटिक्स, होमगार्ड), पुलिस हाउसिंग के चेयरमैन भी रहे. वह 30 जून, 2016 को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किए गए और इस पद पर 30 जनवरी, 2019 तक रहे. उसके बाद शुक्ला को पुलिस हाउसिंग का चेयरमैन बनाया गया.
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