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दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार (27 मई) को नीति आयोग (Niti Aayog) गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक चल रही है. इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपालों को बुलाया गया है. लेकिन कई राज्यों के सीएम ने मीटिंग में शामिल होने से इंकार कर दिया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "हमें इस बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि इस बैठक में बिहार के लिए जो कुछ हम मांग करते हैं, उसे केंद्र सरकार पूरा नहीं करती है."
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि भेजने के प्रस्ताव को नहीं माना गया है. सीएम नीतीश ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिलता तो विश्वास बढ़ता. लेकिन हमारी बातों पर अमल नहीं किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा सूचना देने के वक्त प्रोग्राम की जानकारी दी थी.
जानकारी के अनुसार, नीति आयोग की बैठक से कुल 8 राज्यों के मुख्यमंत्री ने किनार कर लिया. इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, बंगाल की CM ममता बनर्जी, बिहार के CM नीतीश कुमार, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन और केरल के CM पिन्नाराई विजयन शामिल हैं.
दरअसल,दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश के विरोध में दिल्ली, पंजाब, बंगाल, बिहार और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का विरोध किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खराब तबीयत का हवाला दिया है, जबकि केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में शामिल नहीं होना का कोई कारण नहीं बताया है.
केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, "अगर देश के प्रधानमंत्री ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने से मना करते हैं तो लोग फिर न्याय के लिए कहां जाएंगे? प्रधानमंत्री जी, आप देश के पिता समान हैं. आप गैर बीजेपी सरकारों को काम करने दें, उनका काम रोकें नहीं. लोग आपके अध्यादेश से बहुत नाराज हैं. मेरे लिए कल की नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होना संभव नहीं होगा."
नीति आयोग की इस बैठक में स्वास्थ्य, स्किल डेपलपमेंट, महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर फोकस रहेगा.
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