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सीबीआई में नए डायरेक्टर को लेकर पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं. दो बड़े अफसरों के बीच लंबे समय तक चली खींचतान के बाद नए डायरेक्टर को लेकर अब एक और बैठक बेनतीजा रही है. सेलेक्शन कमिटी की दो बैठकों में भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि जल्द से जल्द नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति की जाए.
सीबीआई चीफ को लेकर शुक्रवार की बैठक में भी कोई फैसला नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि इस बैठक में कुछ अंतिम नामों पर चर्चा हुई थी. जिसमें फिलहाल किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में विपक्ष के नेता के तौर पर मौजूद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को इन सभी नामों पर ऐतराज था.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, सीबीआई चीफ का पद काफी सेंसिटिव है. सरकार को अब नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति कर देनी चाहिए. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कहा कि एजेंसी में किसी अंंतरिम डायरेक्टर को ज्यादा समय तक रखना उचित नहीं है.
सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से नए सीबीआई चीफ को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं. जिसके बाद 24 जनवरी की तारीख की घोषणा हुई. बताया गया कि इस दिन सीबीआई चीफ के नाम पर चर्चा होगी और नए सीबीआई चीफ पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन इस बैठक में कोई भी फैसला नहीं लिया गया. किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
सीबीआई चीफ पर एक हाई लेवल कमिटी को फैसला लेना है. जिसकी अध्यक्षता खुद पीएम मोदी कर रहे हैं. 24 जनवरी को भी यह सेलेक्शन कमिटी बैठी थी, लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. इस कमिटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे.
उम्मीदवारों की लिस्ट में शुक्ला के अलावा सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर, सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अरविंद कुमार, आईपीएस अधिकारी जावेद अहमद, रजनी कांत मिश्रा, एस एस देसवाल के नाम भी शामिल हैं. बता दें कि 10 जनवरी को आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद सीबीआई बिना नियमित निदेशक के काम कर रही है. तब से एम नागेश्वर राव इस एजेंसी के कार्यकारी निदेशक हैं.
सीबीआई के अगले डायरेक्टर के चयन के लिए 24 जनवरी को चयन समिति की बैठक से पहले मंगलवार को कांग्रेस ने कहा था कि नए सीबीआई प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए. पार्टी का कहना है कि चयन का आधार योग्यता और वरिष्ठता होना चाहिए.
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