Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019छिपे आंकड़े आए बाहर, बेरोजगारी दर 45 सालों में सबसे ज्यादाः NSSO

छिपे आंकड़े आए बाहर, बेरोजगारी दर 45 सालों में सबसे ज्यादाः NSSO

NSSO के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक साल 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी.

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक साल 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी.
i
नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक साल 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी.
(फोटो  रिदम सेठ / द क्विंट)

advertisement

इस वक्त देश में रोजगार की हालत पिछले 45 सालों में सबसे खराब है. नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक, साल 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी रही.

बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार ने ये रिपोर्ट छापी है. ये वही रिपोर्ट है जिसे जारी ना करने को लेकर केंद्र सरकार विवादों में है. रिपोर्ट जारी ना करने पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के दो सदस्यों ने 28 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
उनका आरोप है कि सरकार NSC की मंजूरी के बावजूद बेरोजगारी के आंकड़े बताने वाली रिपोर्ट जारी नहीं कर रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 की बेरोजगारी दर 1972-73 के बाद सबसे ज्यादा है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 5.3 फीसदी है.15-29 साल के शहरी पुरुषों के बीच बेरोजगारी की दर 18.7 फीसदी है. 2011-12 में ये दर 8.1 फीसदी थी. 2017-18 में शहरी महिलाओं में  27.2 फीसदी बेरोजगारी है जो 2011-12 में 13.1 फीसदी थी.

देखें वीडियो - बेरोजगारी चरम पर है, तो लोगों ने नौकरी ढूंढना बंद क्यों कर दिया?

रिपोर्ट के मुताबिक अगर ग्रामीण पुरुषों और महिलाओं की बात करें तो बेरोजगारी 17 फीसदी और 13.6 फीसदी है जो 2011-12 में 5 फीसदी और 4.8 फीसदी थी.

NSSO का ये सर्वे जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच किया गया है. इस सर्वे की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार में आने और नोटबंदी अमल में लाने के बाद का पहला सर्वे है जो देश में रोजगार की हालत की पड़ताल करता है.

NSSO सर्वे ये भी कहता है कि लोग काम-धंधे से दूर हो रहे हैं. आंकड़ो के मुताबिक नौकरी कर रहे या नौकरी ढूंढ रहे लोगों की तादाद कम हुई है. इस आंकड़े को दिखाने वाली LFPR की दर 2011-12 में 39.5% थी जो 2017-18 में घटकर 36.9% हो गई.

(इनपुट- Business Standard )

ये भी पढ़ें - बेरोजगारी का मुद्दा क्या पीएम मोदी को नुकसान पहुंचा सकता है?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 31 Jan 2019,12:55 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT