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ओडिशा में कोरोमंडल ट्रेन हादसे में 292 लोगों की मौत के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को तीन रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान अरुण कुमार महंत (सीनियर सेक्शनल इंजीनियर), मोहम्मद आमिर खान (सेक्शन इंजीनियर) और पप्पू कुमार (टेकनीशियन) के रूप में की गई है.
इन तीनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) के तहत आरोप लगाया गया है.
पिछले महीने की शुरुआत में रेलवे सुरक्षा आयोग की जांच में बताया गया था कि यदि पिछली चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं किया गया होता तो त्रासदी को टाला जा सकता था.
रिपोर्ट में पाया गया कि लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों को गलत तरीके से लेबल किया गया था और इसका वर्षों तक पता नहीं चला. इसके रख-रखाव कार्य में लापरवाही बरती गई.
द इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र के मुताबीक रेलवे सुरक्षा बोर्ड की जांच में पाया गया कि सिग्नलिंग मेंटेनर ने एक "रीकनेक्शन मेमो" जारी किया था. जिसका अर्थ है कि रखरखाव कार्य पूरा होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम लाइव था.
सूत्रों ने बताया कि ट्रेन को गुजरने की अनुमति देने से पहले सिग्नलिंग प्रणाली का परीक्षण करने के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया.
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