Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'कैब ड्राइवर लोकेशन जानते ही कैंसिल करते हैं'-सर्वे में बड़ी शिकायतों का खुलासा

'कैब ड्राइवर लोकेशन जानते ही कैंसिल करते हैं'-सर्वे में बड़ी शिकायतों का खुलासा

45% लोगों ने कहा- सर्ज प्राइसिंग के नाम पर उनसे 1.5 गुना से ज्यादा शुल्क लिए गए.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
(फोटो: iStock)
i
(फोटो: iStock)
null

advertisement

आम आदमी- भैया, टैक्सी बुक किया है, आप कितने देर में आएंगे?

कैब ड्राइवर- जाना कहां है?

आम आदमी- नोएडा फिल्म सिटी.

कैब ड्राइवर- अरे, दिल्ली से नोएडा नहीं जाएंगे. राइड कैंसिल कर दीजिए..

चाहे शहर कोई भी हो Ola-Uber जैसी एप बेस्ड टैक्सी (Taxi) सर्विस इस्तेमाल करने वालों को राइड कैंसिल शब्द सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. और अब ये बात एक सर्वे में भी आई है.

6 अप्रैल को जारी लोकलसर्किल सर्वे के फाइंडिंग से पता चलता है कि पिछले 12 महीनों में ऐप बेस्ड टैक्सी यूजर्स की सबसे बड़ी समस्या ड्राइवर का गंतव्य यानी डेस्टिनेशन के बारे में जानने के बाद राइड कैंसिल कर देना है.

रिसर्च एजेंसी ने एक बयान में कहा,

"79% ऐप टैक्सी यूजर्स का कहना है कि डेस्टिनेशन जानने के बाद या डिजिटल पेमेंट की जगह कैश मोड जानने के बाद ड्राइवर राइड कैंसिल का ऑप्शन देखते हैं जिस वजह से 'ड्राइवर कैंसिलिंग राइड' सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है."

उपभोक्ताओं द्वारा बताए गए दूसरे मुद्दों में लंबे समय तक प्रतीक्षा करना, ड्राइवर द्वारा दुर्व्यवहार, ज्यादा सर्ज चार्ज, और जबरन वसूली शामिल हैं. बता दें कि इन मुद्दों पर ज्यादा ध्यान न देने की वजह से Ola-Uber को भी मुकदमों का सामना करना पड़ा था.

साल 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐप-बेस्ड ट्रांस्पोर्ट सर्विस प्रोवाइडर को विनियमित करने और महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है. ओला और उबर दोनों ने 24x7 सुरक्षा हेल्पलाइन जारी की, हालांकि, यूजर्स में नकारात्मक भावनाएं बनी हुई हैं, जिसमें प्रमुख चिंताओं के बीच राइड कैंसिल, सर्ज प्राइसिंग, ग्राहक सेवा और सुरक्षा शामिल है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दिक्कत के बावजूद एप बेस्ड टैक्सी बेहतर ऑप्शन

एप बेस्ड टैक्सी से जुड़ी परेशानियों के बावजूद सर्वे में शामिल लोगों में से ज्यादातर ने कहा कि उन्होंने "सुविधा" के कारण ऐप-आधारित टैक्सियों का इस्तेमाल करना चुना. सर्वे में कहा गया है कि पिछले 12 महीनों में लगभग 58 प्रतिशत यूजर्स ने कैब एग्रीगेटर सेवाओं का इस्तेमाल करके यात्रा की है.

वहीं करीब 60 प्रतिशत यूजर्स मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के पालन से संतुष्ट थे, हालांकि सिर्फ 35 प्रतिशत स्वच्छता या सैनिटेशन से संतुष्ट थे.

लोकलसर्किल के मुताबिक, सर्वे भारत के 324 जिलों में रहने वाले 65,000 ऐप टैक्सी यूजर्स के बीच किया गया था, जिसमें 66 फीसदी पुरुष और 34 फीसदी महिलाएं थीं. एजेंसी ने कहा कि यूजर्स द्वारा उठाए गए मुद्दों पर रौशनी डालने के लिए सर्वे के फाइंडिंग को केंद्र और राज्य सरकारों के साथ साझा किया जाएगा.

45% ने कहा- सर्ज प्राइसिंग के नाम पर उनसे 1.5 गुना से ज्यादा शुल्क लिए गए

मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 के बावजूद, 71% यूजर्स का कहना है कि ड्राइवरों द्वारा राइड कैंसिलेशन जारी है और करीब 45% का कहना है कि सर्ज प्राइसिंग के नाम पर उनसे 1.5 गुना से ज्यादा शुल्क लिए गए हैं.

सर्वे के मुताबिक 45% ऐप टैक्सी यूजर्स ने कहा कि उन्होंने "सर्ज शुल्क में बेस फेयर से 50% अधिक का भुगतान किया है", और बाकी 22% ने कहा कि उन्होंने "केवल बेस फेयर के 0-50% के बीच सर्ज चार्ज का भुगतान किया है".

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 07 Apr 2022,10:52 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT