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देशवासियों को नए साल का तोहफा देते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘कोविशील्ड’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. DCGI ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि CDSCO ने एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए दोनों वैक्सीन को इस्तेमाल की अनुमति दे दी है.
वैक्सीन के अप्रुवल पर पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ, अदार पूनावाला ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “सभी को हैप्पी न्यू ईयर! सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के स्टॉक को लेकर जितने रिस्क लिए, परिणाम आखिर मिल गया. कोविशील्ड, भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन को अनुमति मिल गई है, ये सुरक्षित है, असरदार है और आने वाले दिनों में रोलआउट के लिए तैयार है.”
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट मैन्युफैक्चर कर रहा है. इस वैक्सीन को भारत के लिए किफायती बताया जा रहा है. फाइजर की वैक्सीन के मुकाबले, इसे स्टोर करने के लिए ज्यादा ठंडे तापमान की जरूरत नहीं होती, और फ्रिज के सामान्य तापमान पर इसे स्टोर किया जा सकता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के दक्षिण-पूर्वी एशिया की रीजनल डायरेक्टर, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर कहा, “WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में कोविड-19 वैक्सीन को दिए गए पहले आपातकालीन उपयोग का स्वागत करता है. भारत द्वारा आज लिया गया ये फैसला इस क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज करने और मजबूत करने में मदद करेगा.”
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि पब्लिक हेल्थ मेजॉरिटी और कम्युनिटी पार्टिसिपेशन के साथ वैक्सीन, कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में मदद करेगी.
भारत में दो वैक्सीन को अप्रुवल मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है. साथ ही उन्होंने मेहनती वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स का भी शुक्रिया अदा किया.
प्रधानमंत्री ने अगले ट्वीट में कहा, “विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सेवा भाव के लिए हम डॉक्टरों, मेडिकल प्रोफेशनल्स, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और सभी कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. देशवासियों का जीवन बचाने के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे.”
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