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UNSC में भारत को अमेरिका और जर्मनी का साथ, चीन-पाकिस्तान को जवाब

पाकिस्तान ने आतंकी घटना को लेकर भारत पर लगाए थे आरोप

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पाकिस्तान ने आतंकी घटना को लेकर भारत पर लगाए थे आरोप
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पाकिस्तान ने आतंकी घटना को लेकर भारत पर लगाए थे आरोप
(Photo: www.un.org)

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आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का चेहरा दुनिया के सामने कई बार बेनकाब हो चुका है, लेकिन इस बार पाकिस्तान ने भारत की तरफ उंगली उठाई है. पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज में हुए हमले को लेकर इमरान खान ने सीधे भारत पर इसका आरोप लगाया है. इसे लेकर चीन ने भारत को यूएनएससी में घेरने की कोशिश की. लेकिन पाकिस्तान और चीन की इस चाल को अमेरिका और जर्मनी ने ठंडे बस्ते में डाल दिया.

दरअसल पाकिस्तान ने हमेशा की तरह अपने देश में होने वाली घटना का आरोप भारत पर लगाया. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पीएम इमरान खान ने स्टॉक एक्सचेंज में हुए अटैक का आरोप भारत पर लगा दिया.

चीन ने की भारत को घेरने की कोशिश

इसके बाद चीन की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी हुआ. जिसमें उसने कहा कि, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों ने ऐसी घटनाओं के अपराधियों, आयोजकों और आतंकवाद फैलाने के लिए फाइनेंस करने वालों को सामने लाने की बात कही है. चीन ने सभी देशों से कहा कि वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सुरक्षा परिषद की तरफ से दिए गए सुझावों के तहत सामने आकर इस संबंध में पाकिस्तान का सहयोग करें. ये बयान यूएनएससी के आतंकी घटनाओं को लेकर निंदा प्रस्ताव पर जारी किया गया.

चीन ने मंगलवार को ये स्टेटमेंट जारी किया और इसे यूएनएससी प्रक्रिया के तहत शाम 4 बजे तक साइलेंस प्रोसेस में रखा गया. किसी भी आतंकी घटना के बाद रूटीन के तहत यूएनएससी की तरफ से अक्सर एक बयान जारी किया जाता है.

लेकिन साइलेंस प्रोसेस के तहत अगर तय सीमा के भीतर इस पर किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं आती है तो इसे पारित माना जाता है. यानी अगर कोई देश इन आरोपों को लेकर विरोध दर्ज नहीं करता तो, यूएनएससी के प्रस्ताव में भारत पर आरोप लगाए जा सकते थे.
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जर्मनी और अमेरिका का विरोध

लेकिन चीन और पाकिस्तान की इस चाल को सबसे पहले जर्मनी ने खारिज कर दिया. इस प्रस्ताव पर जर्मनी ने कहा कि पाकिस्तान का भारत पर इस हमले का आरोप लगाना सही नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस पर चीनी यूएन डेलीगेशन ने आपत्ति जताई और कहा कि जर्मनी ने तय समय के बाद ये बयान जारी किया है. इसके बाद डेडलाइन को आगे बढ़ाकर 1 जुलाई सुबह 10 बजे तक कर दिया गया.

लेकिन इसके ठीक बाद अमेरिका भी सामने आया और अपना विरोध दर्ज किया. बाद में आखिरकार निंदा प्रस्ताव जारी हुआ. लेकिन यूएनएससी में पाकिस्तान और चीन को मिली इस हार को बड़े वैश्विक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.

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