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प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) के एक सर्वे के मुताबिक, तीन में से दो भारतीय अपने धर्म से बाहर शादी (Inter-faith Marriage) करने वाले लोगों के विरोध में हैं. सर्वे के मुताबिक, जवाब देने वाले 67 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि उनके समुदाय की महिलाओं के अंतर-धार्मिक विवाह को रोका जाए, 65 फीसदी ने अपने समुदाय के पुरुषों के बारे में ये कहा. हालांकि, सर्वे में अलग-अलग समुदाय में भी अंतर था.
सर्वे के मुताबिक 67 फीसदी हिंदू, 80 फीसदी मुस्लिम, 59 फीसदी सिख और 66 फीसदी जैन लोगों ने कहा कि महिलाओं को अपने समुदाय से बाहर शादी करने से रोका जाना चाहिए.
पुरुषों के बारे में, 65 फीसदी हिंदू, 76 फीसदी मुस्लिम, 58 फीसदी सिख और 59 फीसदी जैनियों ने कहा कि उन्हें समुदाय से बाहर शादी से रोका जाना चाहिए.
हालांकि, ईसाइयों और बौद्धों की प्रतिक्रिया अन्य समुदायों से अलग थी. ईसाइयों में, 37 फीसदी ने कहा कि महिलाओं को समुदाय के बाहर शादी करने से रोका जाना चाहिए, जबकि पुरुषों के बारे में ऐसा कहने वाले 35 फीसदी थे. बौद्धों में, महिलाओं और पुरुषों के लिए यह आंकड़ा क्रमशः 46 फीसदी और 44 फीसदी था.
लगभग सभी शादीशुदा लोगों (99%) ने कहा कि उनके पति या पत्नी उनका धर्म मानते हैं. इसमें हिंदू (99%), मुसलमान (98%), ईसाई (95%), सिख और बौद्ध (97%) शामिल हैं.
सर्वे के मुताबिक, अंतर-जातीय विवाह का विरोध अंतर-धार्मिक विवाह की तुलना में थोड़ा ही कम था. सभी समुदायों के 62% पुरुषों और 64% महिलाओं ने कहा कि लोगों को उनकी जाति से बाहर शादी करने से रोकना बहुत जरूरी है.
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