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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यूरोप यात्रा (PM Modi Europe visit) के दूसरे चरण में मंगलवार, 3 मई को डेनमार्क (Denmark) पहुंचे. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि यहां पीएम मोदी और डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई. वार्ता में दोनों देशों ने हरित रणनीतिक साझेदारी (Green Strategic Partnership) में प्रगति की समीक्षा की. साथ ही कौशल विकास, जलवायु, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्कटिक, P2P संबंधों के क्षेत्रों में व्यापक सहयोग पर भी चर्चा की गयी.
डेनमार्क में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि "भारत की ताकत जब बढ़ती है तो दुनिया की ताकत बढ़ती है. फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका में भारत ने मुश्किल समय में पूरी दुनिया का साथ दिया है. अनेकों देशों को दवाइयां भेजी हैं, ताकि हम संकट के समय मानवता के इस काम में पीछे न रह जाए और दुनिया की मदद करते रहे."
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि लगभग 75 महीने पहले हमने स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था. तब स्टार्ट अप इकोसिस्टम के रूप में हमारी गिनती कहीं नहीं होती थी. आज हम यूनिकॉर्न्स के मामले में दुनिया में नंबर-3 पर हैं. आज स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान है.
पीएम मोदी ने डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कहा कि "आपके खूबसूरत देश में यह मेरी पहली यात्रा है. अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला था. इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है."
पीएम मोदी यहां यह भी उम्मीद जताई कि भारत-यूरोपीय यूनियन मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत जल्द ही पूरी हो जाएगी. उन्होंने एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की अपील की है.
डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने भी इस मौके पर कहा कि "डेनमार्क और भारत, दोनों हरित रणनीतिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी अपनाने की उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं. मुझे गर्व है कि डेनिश समाधान इन महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं"
इससे पहले PM मोदी डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में वहां की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के आवास पहुंचे और प्राइवेट टूर भी लिया. पीएम मोदी इस डेनमार्क दौरे पर अपने डेनिश समकक्ष फ्रेडरिकसन के साथ बैठक करेंगे और दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
PM मोदी यहां भारत-डेनमार्क व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लेंगे और डेनमार्क में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे. PM मोदी अन्य चार नॉर्डिक देशों के नेताओं से भी व्यक्तिगत स्तर पर मुलाकात करेंगे और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी की राजधानी बर्लिन से कोपेनहेगन पहुंचे. बर्लिन में उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ विस्तृत द्विपक्षीय चर्चा की और भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी चर्चा (India-Germany inter-governmental consultations) की सह-अध्यक्षता भी की.
बर्लिन से कोपेनहेगन रवाना होने से पहले, प्रधान मंत्री ने ट्वीट किया कि उनकी जर्मनी यात्रा "प्रोडक्टिव/उत्पादक" रही. सत्कार के लिए जर्मन सरकार को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ अपनी बैठक के बाद पीएम मोदी ने सोमवार को रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहा था कि इस युद्ध में कोई देश विजयी नहीं होगा बल्कि सभी को इसके परिणामों को भुगतना होगा.
साथ ही चांसलर स्कोल्ज ने जानकारी दी कि उन्होंने पीएम मोदी को जी-7 की बैठक में आमंत्रित किया है जो जून के अंतिम सप्ताह में जर्मनी में होगी. मालूम हो कि डेनमार्क की यात्रा के बाद पीएम मोदी बुधवार को फ्रांस जाएंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे.
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