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पीएम मोदी (PM Modi) ने 20 जुलाई को सर्वदलीय बैठक की, जिसमें उन्होंने अलग-अलग देशों में कोविड-19 के मामलों में आती तेजी का हवाला देते हुए सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया है. यह रिपोर्ट पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से प्रकाशित की है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में AIADMK,शिवसेना, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, बीजेडी, तमिल महिला कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस जनता दल (सेक्यूलर),तेलंगाना राष्ट्र समिति, YSRC, एलजेपी, बीएसपी, Jdu और नेशनल प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसद मौजूद रहे.
पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने केंद्र और राज्यों से अपील की है कि वो राजनीति से ऊपर उठने और कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए एक टीम के रूप में मिलकर काम करें. इस बीच कुछ पार्टियों ने भारत बायोटेक के वैक्सीन, कोवैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध किया.
ANI के मुताबिक कोविड-19 पर पीएम मोदी के सर्वदलीय बैठक में शामिल ना होने के फैसले पर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा
हालांकि एनडीटीवी के मुताबिक खड़गे ने जोर देकर कहा कि यह बहिष्कार नहीं है. उनके मुताबित इस मामले पर पहले सांसदों के साथ सदन में चर्चा की जानी चाहिए.
दूसरी तरफ SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्विटर पर लिखा "सांसद किसी सम्मेलन कक्ष में पीएम या इस सरकार से कोविड-19 पर फैंसी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन नहीं चाहते हैं. संसद सत्र चल रहा है. सदन के फ्लोर हाउस में आओ".
इस बीच जैसे ही राज्यसभा ने 20 जुलाई को अपना मॉनसून सत्र फिर से शुरू किया, विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी सरकार की कोविड महामारी से निपटने की कड़ी आलोचना की.
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