advertisement
उरी हमले के बाद यूं तो दोनों तरफ से जमकर बयानबाजी हुई, लेकिन भारत की तरफ से इस पूरे मामले पर जो सबसे ठोस कदम उठाए गए, उनमें से एक अब काम करता दिख रहा है. मोदी सरकार की तरफ से पाकिस्तान को इंटरनेशनल लेवल पर अलग-थलग करने का भारत का दांव कारगर साबित हो रहा है.
इसका ताजा उदाहरण तब सामने आया जब अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने इस्लामाबाद में होने वाली सार्क समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया.
मोदी सरकार का पाकिस्तान को दुनियाभर में अलग-थलग करने का कदम सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है. यूनाइटेड नेशन की जनरल असेंबली में पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला. साथ ही दुनिया के कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई.
इसका सबसे ताजा उदाहरण है सार्क सम्मेलन में भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का समिट में हिस्सा न लेने का फैसला (पढ़ें खबर). सार्क देशों के भारत को मिल रहे सपोर्ट से यह तो साफ हो गया है कि पकिस्तान सार्क में अलग-थलग पड़ गया है.
सिंधु समझौते को लेकर पीएम ने एनएसए अजित डोभाल और जल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मीटिंग की. मीटिंग में सभी अधिकारियों ने इस समझौते के टूटने पर देश को होने वाले नफा-नुकसान के बारे में बताया. जल मंत्रालय के सूत्रों की मानें, तो पीएम ने मीटिंग में कहा कि 'खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते.'
पाकिस्तान पर अगली चोट मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा छीनकर की जा सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को पाक को दिए गए एमएफएन स्टेटस की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे.
अगर पाकिस्तान से यह स्टेटस छीन लिया जाता है, तो कारोबार के नजरिए से उसे तगड़ा झटका लगेगा.
क्या है एमएफएन स्टेटस?
देश सीमाओं को अब अभेद्य बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के फैसले पर मुहर लगा दी है.
मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर लगी फेंसिंग को अब हाईटेक किया जाएगा. जिन जगहों पर बॉर्डर फेंसिंग नहीं है, वहां इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
घुसपैठ को रोकने के लिए सेंसिटिव एरिया में अंडर ग्राउंड सेंसर लगाए जाएंगे. इसके अलावा नदी-नालों पर लेजर वॉल के साथ-साथ अंडर ग्राउंड वाटर सेंसर भी लगाए जाएंगे, ताकि नदी-नालों के जरिए होने वाली घुसपैठ को रोका जा सके. बॉर्डर के आसपास इलेक्ट्रिक ऑप्टो सेंसर भी लगाए जाएंगे, ताकि परिंदा भी पर न मार पाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)