Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019प्रतिमा अम्मा कड़ाके की ठंड में 200 कुत्तों के साथ हुईं बेघर, देखें-तस्वीरें

प्रतिमा अम्मा कड़ाके की ठंड में 200 कुत्तों के साथ हुईं बेघर, देखें-तस्वीरें

Delhi Encroachment Drive: शेल्टर होम के रूप में काम करने वाली झोंपड़ी को एमसीडी ने जमीन पर गिराकर तोड़ दिया.

आश्ना भूटानी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान में प्रतिमा के साथ 200 कुत्ते बेघर.</p></div>
i

दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान में प्रतिमा के साथ 200 कुत्ते बेघर.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

advertisement

"मुझे याद नहीं है कि कैसे और कब मैं उनसे इतना जुड़ गई. लेकिन मुझे पता है कि मैं उनके बिना नहीं रह सकती. वे मेरे बच्चों की तरह हैं ..." यह बात 80 साल की प्रतिमा ने 4 दिसंबर को द क्विंट से कहा जो दिल्ली के साकेत में  सैकड़ों कुत्तों के बीच बैठी थीं. '

बता दें कि 2 जनवरी को दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान में प्रतिमा की झुग्गी-झोंपड़ी और कुत्तों के लिए बनाए आश्रय गृह को तोड़ दिया. जिससे कुत्ते बेघर हो गए.

हालांकि प्रतिमा ने अतिक्रमण अभियान के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने एमसीडी के इस अभियान पर जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया और फिलहाल तिरपाल फैलाने की अनुमति दी है. वहीं कुत्तों को खिलाने वाले और शुभचिंतक तिरपाल से अस्थायी शेड बनाने में प्रतिमा को मदद कर रहे हैं.

प्रतिमा 'अम्मा' जब अपनी सीट पर बैठती हैं तो कुत्ते उनकी ओर दौड़ पड़ते हैं. मलबा और फटा-पुराना सामान उसी स्थान पर सड़क पर बिखरा पड़ा है, जहां कभी आश्रय स्थल हुआ करता था. इन सबके बीच दिल्ली की कड़ाके की ठंड में कुत्तों को गर्म रखने के लिए आग जलाई जाती है.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा ने कहा कि करीब 50 साल पहले वो पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में अपना घर छोड़कर आजीविका की तलाश में दिल्ली आ गई थी. उसने कूड़ा बीनने का काम किया और अपनी सारी बचत कुत्तों के लिए आश्रय बनाने में लगा दी.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

2 जनवरी को दिल्ली नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ था. प्रतिमा ने कहा कि,  मुझे कोई सूचना नहीं दी गई थी. उन्होंने छत को तोड़ दिया और दस्तावेजों सहित मेरा सारा सामान ले गए. कुत्तों के लिए चावल से भरी एक अलमारी थी जिसे लेकर भी चले गए और वे कुत्तों को डंडों से भी पीटा," प्रतिमा साल 1984 से दिल्ली में रह रही है.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा ने द क्विंट को बताया, "मुझे ठीक से याद नहीं है कि यह कैसे शुरू हुआ. मैंने एक-दो कुत्तों को खाना खिलाना शुरू किया था. संख्या बढ़ती गई और मैंने उन सभी की देखभाल करना  शुरू कर दिया." फिलहाल वह 200 कुत्तों की देखभाल करती हैं.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा बताती हैं, "हमने कभी कुछ गलत नहीं किया. फिर भी अधिकारी हमें  कुछ सालों में एक बार बेदखल करने की कोशिश करते हैं. पहले भी दो बार हो चुका है, लेकिन इतना बुरा कभी नहीं हुआ था," उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि, उन्हें 3 से 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रतिमा  कहता हैं- "मेरा कोई पसंदीदा नहीं है. सभी मेरे पसंदीदा हैं," प्रतिमा ने गारू को पुकारा तो उसने प्रतिमा के पास एक कुर्सी पर आकर बैठ गया. शामली, रामू की बहन, शिमला, बिमला और शुंदोरी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, उन सभी के नाम हैं.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा ने अतिक्रमण अभियान के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी पर जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया. अदालत के 4 जनवरी को अपनेआदेश में कहा कि, एमसीडी की कार्रवाई "न केवल प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि अवैध और गैरकानूनी भी है. क्योंकि इस कड़ाके की सर्दी में याचिकाकर्ता के सिर से छत छीन लिया गया.

(फोटो: प्रतिमा की मदद करने वाले एक वालंटियर द्वारा खींची गई Delhi Encroachment Drive की तस्वीर. क्लिक की गई: आशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा को शहर भर के पशुपालकों से समर्थन मिला. कुछ कुत्तों के लिए भोजन लाए, जबकि अन्य ने कुत्ते को ठंड में गर्म रखने के लिए उन्हें छोटे आश्रय दान किए.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा ने कहा, 'सरकार ने कभी मेरा समर्थन नहीं किया.. लेकिन मुझे लोगों का समर्थन मिला.' जब तक ये लोग है, मैं जानती हूं कि हम ठीक रहेंगे. हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि, 'आजकल के लोग कुत्तों के प्रति क्रूर हैं. पहले ऐसा नहीं था.'

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

प्रतिमा ने कहा कि, दिल्ली में इस साल काफी ठंड है. मैं पिछले दो दिनों में काफी मुश्किल से सो पाई हूं. जैसे ही प्रतिमा अम्मा अपनी कुर्सी पर सोती है, कई कुत्ते उनकी कुर्सी के आस-पास सहज होकर सो जाते हैं.

(फोटोःआशना बुटानी/द क्विंट)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT