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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने रविवार को अपने कार्यालय के अंतिम दिन राष्ट्र को संबोधित करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि देश 21वीं सदी को भारत का बनाने में सक्षम है. उन्होंने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि "आज से पांच साल पहले, आप सबने मुझ पर अपार भरोसा जताया था और अपने निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से मुझे भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना था. मैं आप सभी देशवासियों के प्रति तथा आपके जन-प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं."
निवर्तमान राष्ट्रपति ने अपने पैतृक गांव की अपनी यात्रा और अपने स्कूल में अपने शिक्षक से आशीर्वाद लेने के मौके को भी याद किया. उन्होंने कहा कि "राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना और अपने कानपुर के विद्यालय में वयोवृद्ध शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे"
देश की युवा पीढ़ी से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता संग्राम को याद किया और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि "उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान पूरे देश में पराधीनता के विरुद्ध अनेक विद्रोह हुए. देशवासियों में नयी आशा का संचार करने वाले ऐसे विद्रोहों के अधिकांश नायकों के नाम भुला दिए गए थे. अब उनकी वीर-गाथाओं को आदर सहित याद किया जा रहा है."
अपने कार्यकाल के आखिरी दिन राष्ट्रपति कोविंद ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सहित पूर्व राष्ट्रपतियों को याद किया. उन्होंने कहा कि "अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं."
राष्ट्रपति कोविंद ने जलवायु परिवर्तन को ग्रह के भविष्य के लिए एक गंभीर चिंता बताया. उन्होंने कहा कि
बता दें कि देश की अगली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार, 25 जुलाई को पद की शपथ लेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि "राष्ट्रपति कोविंद का संबोधन प्रेरक था. उनकी टिप्पणी राष्ट्रीय प्रगति के प्रति उनके जुनून को प्रदर्शित करती है और उस भावना को दर्शाती है जिसके साथ उन्होंने हमारे राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की."
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