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विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने बीजेपी पर केन्द्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. जयपुर में उन्होंने कहा कि हम केवल एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं, हम सरकार की उन एजेंसियों भी लड़ रहे हैं, जो लोगों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं. ये लड़ाई ईडी से है, सीबीआई से है, इनकम टैक्स से है. सिन्हा ने कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि इस चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा?
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के लिए सोमवार को जयपुर आए सिन्हा ने मीडिया से कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि मैं अगर राष्ट्रपति का चुनाव जीता तो शपथ लेते ही दूसरे दिन से यह जो सरकार की ओर से एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, वह रोक दूंगा. उन्होंने आगे कहा कि अभी छत्तीसगढ़ गया था, वहां एक बिजनेसमैन पर इनकम टैक्स ने रेड डाली. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बता रहे थे कि जिस बिजनेसमैन पर इनकम टैक्स रेड हुई, उस पर इनकम टैक्स इस बात का दबाव डाल रहा था कि सरकार गिराओ. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,
जयपुर में यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस और समर्थित विधायकों के साथ डिनर पर मुलाकात भी की.
मौजूदा राष्ट्रपति के कार्यकाल के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश में सत्तर साल में पहली बार राष्ट्रपति भवन इतना खामोश रहा है. पांच साल की अगर बात करें तो यह राष्ट्रपति भवन की खामोशी का दौर था. हम लोगों ने एक खामोश राष्ट्रपति देखा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री को भी बोलना चाहिए. कम से कम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को बुलाकर देश के वर्तमान हालात पर चर्चा तो कर ही सकते हैं. इसीलिए पिछले पांच साल का दौर खामोशी का रहा. राष्ट्रपति के एक संवैधानिक दायित्व का उतना पालन नहीं हुआ जितनी उम्मीद थी.
बीजेपी के खिलाफ खड़ा होने पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं जिस बीजेपी में था वह अब मर चुकी है. पहले बीजेपी में आपसी सहमति से काम होता था, वह दौर खत्म हो गया है. अटल बिहारी वाजपेयी सहमति से काम करते थे, वे विपक्ष का सम्मान करते थे. कई बार उन्होंने कई मामलों में सोनिया गांधी से सहमति लेकर आगे कदम बढ़ाया था.
सिन्हा ने आगे कहा कि मेरे केंद्रीय वित्त मंत्री रहते केरल में सीपीएम के सीएम थे ईके नयानार. उन्होंने किसी मुद्दे पर मुझे रिक्वेस्ट भेजी. मैंने तत्काल उसका समाधान किया. इसके बाद नयानार ने पत्र भेजा कि बीजेपी के मिनिस्टर से यह उम्मीद नहीं थी कि केरल की लेफ्ट सरकार की मदद करेंगे.
सिन्हा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नसीहत देते हुए कहा कि जिस तरह से एक के बाद एक चुनी हुई सरकार गिराई जा रही है ऐसे में गहलोत को सतर्क रहने की जरूरत है.
सिन्हा ने कहा कि देश में राष्ट्रपति पद का चुनाव असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है. देश में आज इतनी घृणा और हिंसा का माहौल है जो बंटवारे के समय भी नहीं रहा. उन्होंने गहलोत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इस माहौल में गहलोत से उम्मीदें है.
इनपुट: पंकज सोनी
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