advertisement
कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी (Suryakant Tiwari) के आरोपों ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सियासत में भूचाल ला दिया है. आयकर विभाग के छापे के बाद सूर्यकांत तिवार ने प्रदेश में सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया है. तिवारी का आरोप है कि अयाकर अधिकारियों ने उनसे कहा कि यदि वह सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का उपयोग करते हैं तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं. सूर्यकांत के इन आरोपों के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस और बीजेपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सूर्यकांत तिवारी ने आरोप लगाया है कि तलाशी के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक सरकारी अधिकारी को गलत बयान देकर फंसाने से इनकार कर दिया था.
तिवारी ने आगे कहा कि चौरसिया से उनके पारिवारिक संबंध हैं, उनके घर के लोग उन्हें जानते-पहचानते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि आयकर अधिकारी चाहते थे कि मैं चौरसिया को फंसाऊं. इसके साथ ही आयकर अधिकारियों ने सरकार गिराने पर मुख्यमंत्री बनने की पेशकश भी की थी.
कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि किसी के यहां आयकर का छापा पड़ जाने से वो अपराधी नहीं हो जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,
गौरतलब है कि आयकर विभाग के छापे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार में कथित तौर पर हो रही गड़बड़ियों की तरफ उंगली उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस्तीफे और सूर्यकांत तिवारी के गिरफ्तारी की मांग की है.
वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने है. कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कोयला व्यापारी के बयान से पता चलता है कि बीजेपी छत्तसीगढ़ में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तिवारी के बयान से यह साफ है कि गैर-बीजेपी शासित राज्यों में सरकार गिराने के लिए बीजेपी किसी भी स्तर तक गिर सकती है. बीजेपी कितनी भी कोशिश कर ले, छत्तीसगढ़ में उसके प्रयास सफल नहीं होंगे.
वहीं प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि तिवारी के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारे पर आरोप लगाए हैं और ये निराधार हैं.
राजनीतिक रसूख वाले सूर्यकांत तिवारी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के रहने वाले हैं. सूर्यकांत तिवारी का कहना है कि वो साल 2002 से कोल ट्रांसपोर्टिंग बिजनेस में हैं. वहीं जानकारों की मानें तो सूर्यकांत तिवारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में हर पार्टी के नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं.
सूर्यकांत तिवारी के कांग्रेस नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं. तिवारी कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाते थे. इसके बाद में वे अजीत जोगी के साथ भी नजर आए. अजीत जोगी के आशीर्वाद से तिवारी ने महासमुंद नगर पालिका का चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे. उसके बाद कभी राजनीति में मुखर नहीं हुए और व्यापार में ही आगे बढ़ते गए.
कांग्रेस सरकार जाने के बाद भी तिवारी के रुतबे में कमी नहीं हुई. सूर्यकांत तिवारी की रमन सरकार में अच्छी पैठ थी. हालांकि, ताकत नहीं मिली. पैसों में आगे बढ़े लेकिन पॉलिटिकल पावर का बहुत इस्तेमाल नहीं कर पाए. भूपेश बघेल सरकार में इनकी पैठ पैसे और पावर दोनों में हुई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)