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लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के गरीब मजूदरों के लिए बसें उपलब्ध कराने को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इसे लेकर अब प्रियंका गांधी ने यूट्यूब लाइव किया, जिसमें उन्होंने यूपी सरकार पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हम तो इस वक्त सिर्फ गरीबों की मदद करना चाहते थे. ये राजनीति करने का समय नहीं है. उन्होंने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले उन्होंने बसें लेने से इनकार कर दिया था. प्रियंका ने बसों को लेकर हुए विवाद की पूरी कहानी सुनाई.
प्रियंका गांधी ने कहा कि मजदूर किस हालत में सड़कों पर चल रहे हैं. कई गर्भवती महिलाएं पैदल धूप में चल रही हैं. कुछ लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर चल रहे हैं. प्रियंका ने कहा कि,
प्रियंका ने बसों को लेकर कहा कि, हम लगातार यूपी सरकार से मांग कर रहे थे कि यूपी रोडवेज की बसें मजूदरों के लिए मुहैया करवाई जानी चाहिए. लेकिन कई हादसों के बाद जब हमने देखा कि बसें अब तक चलना शुरू नहीं हुआ है. इसके बाद हमने सीएम योगी को चिट्ठी लिखी कि हम गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर 1 हजार बसें देने के लिए तैयार हैं. इसके अलगे ही दिन यूपी के सीएम ने ऐलान किया कि यूपी रोडवेज की 12 हजार बसें हैं, उनका इस्तेमाल करेंगे आपकी बसों की हमें जरूरत नहीं है.
प्रियंका ने आगे बताया कि, "अगले ही दिन यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि आप हजार बस की लिस्ट, चालक-परिचालक की लिस्ट पहुंचा दीजिए. इसके चार घंटे बाद लिस्ट दे दी गई. फिर देर रात एक और चिट्ठी मिली और कहा गया कि आप हजार बसें लखनऊ पहुंचा दीजिए सुबह 10 बजे. लेकिन इन बसों का मकसद तो एनसीआर क्षेत्र से लोगों को यूपी पहुंचाना था. हमने गाजियाबाद-नोएडा के लिए परमिट मांगा. इसके बाद पूरा मामला शुरू हुआ."
प्रियंका ने बसों को लेकर हुए विवाद पर कहा,
प्रियंका ने कहा कि बसों को खड़े-खड़े 24 घंटे हो चुके हैं. अगर आपको बसों पर बीजेपी के झंडे या स्टीकर लगाने हैं तो लगाइए, अगर ये कहते हैं कि आपने उपलब्ध करवाई हैं, तो भी चलेगा. लेकिन इस बसों को चलने दीजिए. अब तक हम कम से कम 92 हजार लोगों को घर पहुंचा सकते थे. मैं सिर्फ सीएम योगी से आग्रह करती हूं कि हमारी बसें 4 बजे तक वहां खड़ी हैं, अगर आपको नहीं चाहिए तो हम उन्हें वापस भेज देंगे, जैसे पहले भेजी थीं. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता जहां-जहां से मजदूर गुजरेंगे उनकी सहायता करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे.
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