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राहुल गांधी-प्रियंका से मुलाकात और संजय राउत की बात-मतलब समझिए

हाल ही में अपने महाराष्ट्र दौरे पर ममता बनर्जी ने UPA के अस्तित्व पर सवाल उठाया था.

ऋत्विक भालेकर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>संजय राउत प्रियंका गांधी</p></div>
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संजय राउत प्रियंका गांधी

फोटो- क्विंट हिंदी

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शिवसेना (Shiv Sena) नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की गांधीगिरी इन दिनों काफी चर्चा में है. ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के महाराष्ट्र दौरे के बाद संजय राउत दिल्ली में सक्रिय होते दिख रहे हैं. राउत ने राहुल (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की है. जिसके महाराष्ट्र के साथ देश की राजनीति में भी कई मायने निकाले जा रहे हैं.

राहुल गांधी से करीब 45 मिनट तक चली बैठक के बाद संजय राउत ने कांग्रेस के बिना थर्ड फ्रंट की सभी अटकलों पर पूर्णविराम लगा दिया. तो वहीं प्रियंका गांधी के साथ एक घंटे तक हुई चर्चा में यूपी और गोवा में शिवसेना - कांग्रेस गठबंधन पर विचार शुरू होने की बात कही. बता दें कि गोवा चुनावों में टीएमसी के मैदान में उतरने की बात के बाद राउत की ये पहल अहम मानी जा रही है.

क्या कांग्रेस के साथ अन्य राज्यों में चुनावी गठबंधन करेगी शिवसेना ?

शिवसेना ने 2017 में यूपी में 50 सीटें और गोवा में 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इनमें से वो एक भी सीट जीत नहीं पाई. तो वहीं 2017 में कांग्रेस ने यूपी में 6.2% और गोवा में 8 सीटों के इजाफे के साथ 28.4% वोट हासिल किए थे. फिर भी दोनों राज्यों में कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर शिवसेना महाराष्ट्र के बाहर विस्तार करना चाहती है. साथ ही हिंदुत्ववादी वोटों में सेंध लगाकर बीजेपी का नुकसान करना चाहती है.

सूत्रों की मानें तो संजय राउत महाराष्ट्र के तर्ज पर महाविकास अघाड़ी सरकार का पैटर्न गोवा में दोहराने का प्रस्ताव कांग्रेस को देना चाहते हैं, जिसमें एनसीपी भी शामिल हो. हालांकि गोवा में आगामी विधानभसा चुनावों में प्री-अलायन्स करने पर शिवसेना का जोर है. इससे बीजेपी को मात देने में कामयाबी मिली तो शिवसेना - एनसीपी सत्ता में भी हिस्सेदार बन सकती हैं. लेकिन वोट के बंटवारे की वजह बन गए टीएमसी और आम आदमी पार्टी होंगी चिंता की वजह.

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क्या UPA में शामिल होगी शिवसेना ?

संजय राउत ने राहुल गांधी से मुलाकात करने से पहले ही स्पष्ट कर दिया कि शिवसेना भले ही UPA का हिस्सा नहीं बनी है लेकिन महाराष्ट्र में मौजूदा गठबंधन सरकार मिनी UPA हैं. हाल ही में अपने महाराष्ट्र दौरे पर ममता बनर्जी ने UPA के अस्तित्व पर सवाल उठाया था. बावजूद इसके राउत का ये बयान अहम है.

राउत ने सामना संपादकीय में भी साफ किया कि कांग्रेस के बिना कोई भी फ्रंट खड़ा करना मतलब मोदी की मदद करना होगा. राउत ने कहा राहुल गांधी से विपक्षी पार्टियों की मीटिंग के लिए पहल करने की गुजारिश की. साथ ही मुंबई दौरे पर सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात का न्योता दिया है.

क्या कांग्रेस-शिवसेना के बीच राउत बना रहे हैं पुल ?

बताया जाता है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की तीन पार्टियों की सरकार बनाते वक्त शिवसेना को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से संवाद करने में काफी दिक्कतें आ रही थी. हालांकि राहुल गांधी के करीबी माने जानेवाले सांसद राजीव सातव ये शिवसेना और कांग्रेस के बीच समन्वय रखने का काम बखूबी कर रहे थे. लेकिन उनके निधन के बाद फिरसे शिवसेना को नया विकल्प तलाशना जरूरी बन गया था.

अब जबकि मविआ सरकार को दो साल पूरे हो गए हैं बावजूद उसके राज्य के कांग्रेस नेताओं के बयानों से सरकार में खींचातानी चलती रहती हैं. ऐसे में राउत की गांधी परिवार से बढ़ती नजदीकियां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से सीधे संवाद बनाने और सरकार को अस्थिरता से बचाने की कवायद भी मानी जा रही है.

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