Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र: तबादलों पर रोक के बावजूद खास लोगों को छूट क्यों?

महाराष्ट्र: तबादलों पर रोक के बावजूद खास लोगों को छूट क्यों?

पुणे महानगरपालिका में एक प्रभावशाली अधिकारी का ट्रांसफर किया गया है

रौनक कुकड़े
भारत
Updated:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
i
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
फोटो: द क्विंट 

advertisement

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने हर तरह के तबादले पर रोक लगाई है. इसके बावजूद पुणे महानगरपालिका के एक प्रभावशाली अधिकारी का तबादला पुणे प्राधिकरण (पीएमआरडीए) में अहम जगह पर कर दिया गया. जबकि वहां मौजूद अधिकारी का ट्रांसफर नागपुर विकास प्राधिकरण में कर दिया गया है.

विवेक खरवडकर पुणे महानगर पालिका में चीफ इंजीनियर के तौर पर काम देख रहे थे. जानकारी के मुताबिक खरवडकर फरवरी महीने मे PMRDA (प्लानिंग डिपार्टमेंट) से पुणे महापालिका पहुंचे थे. लेकिन 3 महीने में ही उन्हें वापस PMRDA (चीफ इंजीनियर) जैसे अहम पद पर ट्रांसफर कर दिया गया.

विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष ने की जांच की मांग

विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने संकट के दौर में हुए तबादलों की जांच की मांग की है. दरेकर के मुताबिक, पुणे रेड जोन में आता है और महानगरपालिका का किरदार संकट की इस घड़ी बड़ा है. इसके बावजूद किस जरूरत के तहत अधिकारियों का ट्रांसफर किया जा रहा है? दूसरा अहम सवाल है कि जब मंत्रालय से 6 मई को सरकार ने जीआर निकालकर ट्रांसफर पर बैन लगाया था, तो विवेक खरवडकर पर इतनी मेहरबानी क्यों की गई?

बता दें की पुणे जिला उपमुख्यमंत्री अजित पवार का गृहजिला है. उन्हीं के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार में ट्रांसफर पर रोक लगाई गई थी. लेकिन अब ऐसा लगता है कि उन्हीं के लिए इस आदेश की अवहेलना हो रही है. क्विंट ने इस पूरे मामले पर अजित पवार से उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की, लेकिन उनके फोन पर कोई जवाब नहीं मिला.

पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 हजार के पार पहुंच गई है, ऐसे वक्त में जब एकजुटता से काम लेना चाहिए, तो क्यों खास लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है? दरसल सरकार ने तबादले पर रोक ही इस लिए लगाई थी की अधिकारी इस संकट में जहां हैं, वहीं रहकर अच्छा काम करें. पर लगता है कि सरकार के आदेश केवल उनपर लागू होते हैं, जिनका सिस्टम पर प्रभाव नहीं है या जो सरकार में बैठे लोगों के खास नहीं हैं.

पढ़ें ये भी: पुलिस का दावा, मौलाना साद की वायरल ऑडियो क्लिप से हुई थी छेड़छाड़

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 09 May 2020,02:31 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT