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वीडियो एडिटर - आशुतोष भारद्वाज
सरकार हालात सुधारने के लिए आखिर क्या कर रही है? हम सरकार की तरफ से दी जा रहै पैसे का क्या करेंगे? अब हम कैसे अपना जीवन यापन करेंगे? पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवार आज कुछ ऐसे ही सवाल पूछ रहे हैं. दर्द से भरे उनके सवाल सरकार के कानों तक पहुंचे न पहुंचे लेकिन वो फिर भी पूछ रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में करीब 40 जवान शहीद हुए. जिनका अब अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
वाराणसी के मिलकोपुर निवासी शहीद जवान रमेश यादव परिवार में कमाने वाले इकलौते सदस्य थे. वो अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और 2 साल के बेटे को छोड़ गए. उनके पिता का कहना है कि बेटे की मौत के बाद अब वो कैसे अपना जीवन बिताएंगे.
शहीद जैमल सिंह की पत्नी पत्नी सुखजीत कौर और पंजाब के मोगा के लोग हताश हैं. उनका सरकार से भरोसा उठ चुका है. उन्होंने कहा, ऐसे हमलों को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है?
हमले में शहीद हुए इटावा के एक और जवान राम वकील अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी का कहना है कि वकील अप्रैल में नया घर बनाने की सोच रहे थे.
इससे पहले शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने पुलवामा अटैक के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. पालम एयरपोर्ट पर उन्होंने शहीदों की ताबूतों पर फूलमाला चढ़ाई इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी. राजनाथ सिंह, अरविंद केजरीवाल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी श्रद्धांजलि दी.
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