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RSS मानहानि केस: राहुल गांधी के भाषण को सबूत मानने से बॉम्बे HC का इनकार

मानहानि केस में Rahul Gandhi पर महात्मा गांधी की हत्या के लिए RSS को दोषी ठहराने का लगा था आरोप

क्विंट हिंदी
भारत
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी
(फोटो: INC ट्विटर)

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बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की तरफ से 2014 RSS मानहानि केस (RSS defamation case) में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को राहत मिली है. HC ने 20 सितंबर को राहुल गांधी के खिलाफ RSS कार्यकर्त्ता राजेश कुंटे की एक रिट याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में मांग की गई थी कि राहुल गांधी के 2014 में दिए गए भाषण की प्रतिलिपि को उनके खिलाफ मानहानि के केस में सबूत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.

मानहानि केस में राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कथित तौर पर महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया था.

मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को दी थी HC में चुनौती

राजेश कुंटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में मजिस्ट्रेट कोर्ट के सितंबर 2018 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें राहुल गांधी के 2014 के भाषण की प्रतिलिपि को मानहानि केस में सबूत के तौर पर स्वीकार करने की उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे की सिंगल बेंच ने 20 सितंबर को कुंटे की याचिका खारिज कर दी और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा. हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को फैसले के लिए याचिका को सुरक्षित रख लिया था.

याचिकाकर्ता के वकील नितिन प्रधान ने HC में कहा कि याचिका में मजिस्ट्रेट अदालत के 2018 के आदेश को चुनौती दी गयी है , जिसने जून 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि पर IPC के प्रावधानों के तहत आरोप तय किए थे, लेकिन सितंबर 2018 में भाषण की प्रतिलिपि को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था .

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गौरतलब है कि 10 सितंबर 2018 को, मजिस्ट्रेट अदालत ने राजेश कुंटे के उस आवेदन को अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसमें भाषण के प्रतिलिपि को 'सबूत के रूप में' प्रमाणित करने की मांग की गई थी.

कुंटे के वकील में बेंच को बताया कि राहुल गांधी को सम्मन जारी करने से पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने भाषण की सीडी को स्टडी किया था, और इसलिए सीडी के कंटेंट की प्रतिलिपि को केस में साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.

हालांकि राहुल गांधी के वकील सुदीप पासबोला ने मजिस्ट्रेट के फैसले को सही ठहराया और याचिका का विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि कुंटे की याचिका 'अयोग्य और अस्थिर' थी और 'केस को उलझाने के एकमात्र इरादे' के साथ दायर की गई थी और खारिज करने लायक थी, क्योंकि याचिकाकर्ता अदालत से कुछ ऐसा करने की मांग कर रहा था जो 'कानून में स्पष्ट रूप से वर्जित' था.

क्या है पूरा मामला ?

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे RSS का हाथ है.

इसके बाद राजेश कुंटे ने राहुल गांधी के खिलाफ भिवंडी कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था. कुंटे ने कांग्रेस नेता पर अपने भाषण से संघ की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिलाने का आरोप लगाया था.

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