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राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द नहीं था- राहुल गांधी

दो हिन्दुस्तान बन रहे हैं, एक अमीरों का हिन्दुस्तान और दूसरा गरीबों का हिन्दुस्तान- राहुल गांधी

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>राहुल गांधी ने उठाया किसानों का मुद्दा</p></div>
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राहुल गांधी ने उठाया किसानों का मुद्दा

फोटो- स्क्रीनशॉट

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बजट सत्र (Budget Session) के पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के अभिभाषण को कांग्रेस पार्टी ने 'सरकार की विफलता का भाषण' बताने के बाद अब राहुल गांधी ने भी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण (President Address) पर टिप्पणी की है. उन्होंने कटाक्ष कर कहा कि "राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द नहीं था."

दो हिन्दुस्तान बन रहे हैं, एक अमीरों का हिन्दुस्तान और दूसरा गरीबों का हिन्दुस्तान, इन दो हिन्दुस्तानों के बीच में खाई बढ़ती जा रही है. गरीब हिन्दुस्तान के पास आज रोजगार नहीं है. राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द नहीं था.
लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने काले धन पर संसद में श्वेत पत्र लाने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि "राष्ट्रपति के भाषण से असली मुद्दों को किनारा किया गया और वर्तमान स्थिति की धुंधली तस्वीर पेश की गई है."

साथ ही सुखेंदु शेखर रॉय ने विभिन्न संस्थाओं द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि "देश में बेरोजगारी और आर्थिक असमानता बढ़ रही है."

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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 31 जनवरी को कहा था कि, ‘‘इस सरकार ने 2022 तक चार करोड़ घर बनाने का वादा किया था, उसका इस अभिभाषण में उल्लेख नहीं है. यह भी कहा था कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया. श्रम से जुड़े काले कानूनों के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने को लेकर जो वादा किया गया था, वो भी नहीं किया."

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने 31 जनवरी को ट्वीट किया, ‘‘चीन, पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे के हालात पर कुछ नहीं कहा गया. नगालैंड में नागरिकों की हत्या के बारे में कोई अफसोस नहीं जताया गया. जम्मू-कश्मीर के पूर्ण रिपीट पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करनी की कोई घोषणा नहीं हुई. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का भारत पर पड़ने वाले असर पर कुछ नहीं कहा गया. कोविड की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर कोई माफी नहीं मांगी गई.’’

बात दें कि पीआरएस इंडिया के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 87 में ऐसी दो स्थितियों का उल्लेख किया गया है जब राष्ट्रपति द्वारा विशेष रूप से संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया जाएगा. प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र की शुरुआत होने पर, जब निचले सदन की पहली बार बैठक होगी, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा और लोकसभा, दोनों को संबोधित किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में भी राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों को संबोधित किया जाएगा.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं और आने वाले वर्ष की योजनाओं का अनिवार्य रूप से उल्लेख होता है. अभिभाषण सरकार के एजेंडा और दिशा का व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करता है.

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