वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 पेश किया. 90 मिनट की स्पीच दी. इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया. सबसे नई बात ये रही कि क्रिप्टोकरेंसी को लीगल कर दिया गया. इससे होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स देना होगा. ऐसे में समझते हैं कि सरकार के बजट का पूरा हिसाब-किताब क्या है?
जीएसटी से 16 पैसा जुटाएगी सरकार
सरकार की आय और खर्च को उनके 1 रुपए से समझते हैं. बजट में बताया गया है कि 1 रुपए कहां से आएगा और कहां पर खर्च होगा. सरकार ने बताया कि 1 रुपए में सबसे ज्यादा 35 पैसा उधार और अन्य देनदारी से जुटाया जाएगा. फिर गुड्स एंड सर्विस टैक्स से 16 पैसा, कॉरपोरेशन टैक्स से 15 पैसा, इनकम टैक्स से 15%, यूनियन एक्साइज ड्यूटीज से 7 पैसा, कस्टम्स से 5 पैसा, नॉन टैक्स रेवेन्यू से 5 पैसा और नॉन डिप्ट कैपिटल रिसिप्ट से 2 पैसा आएगा.
कर्ज पर ब्याज में ही खर्च हो जाएगा 20 पैसा
1 रुपए के जाने का ब्यौरा देखा जाए तो सबसे ज्यादा खर्च इंटरेस्ट पेमेंट्स मे 20 पैसा जाएगा. फिर टैक्स और ड्यूटीज में राज्यों को 17 पैसा, सेंट्रल सेक्टर स्कीम में 15 पैसा, फाइनेंस कमीशन और अन्य ट्रांसफर में 10 पैसा, सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम्स में 9 पैसा, अन्य व्यय में 9 पैसा, पेंशन में 4 पैसा, डिफेंस में 8 पैसा जाएगा.
साल 2021-22 में 1 रु कहां से आया और कहां गया?
सरकार को सबसे ज्यादा इनकम जीएसटी और इनकम टैक्स के जरिए हुई. साल 2021-22 में सरकार ने जो 1 रुपए का ब्यौरा दिया था, उसके मुताबिक, सरकार के पास सबसे ज्यादा गुड्स एंड सर्विस टैक्स से 15 पैसा, इनकम टैक्स से 14 पैसा, कॉर्पोरेट टैक्स से 13 पैसा, नॉन टैक्स रेवेन्यू से 6 पैसा आया. वहीं उधार और अन्य देनदारी से 36 पैसे आए.
खर्च की बात करें तो सरकार के 1 रुपए में से सबसे ज्यादा खर्च कर्ज का ब्याज चुकाने में चला जाता है. साल 2021-22 में सरकार ने 1 रुपए के खर्च का जो ब्योरा दिया था, उसके मुताबिक, साल 2021-22 में सरकार का सबसे ज्यादा खर्च इंटरेस्ट पेमेंट में 20 पैसा गया. इसके बाद सेंट्रल सेक्टर स्कीम में 13 पैसा, करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा 16 पैसा, सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम में 9 पैसा, डिफेंस सेक्टर को 8 पैसे, पेंशन में 5 पैसा गया.
साल 2020-21 में सबसे ज्यादा पैसा कहां से आया?
साल 2020-21 की बात करें तो 1 रुपए में से सरकार के पास सबसे ज्यादा पैसा उधार और अन्य देनदारी से आया. फिर गुड्स एंड सर्विस टैक्स से 18 पैसा, कॉर्पोरेट टैक्स से 18 पैसा, इनकम टैक्स से 17 पैसा, नॉन टैक्स रेवेन्यू से 10 पैसा, कस्टम से 4 पैसा, यूनियन एक्साइज ड्यूटी से 7 पैसा आया.
खर्च की बात करें तो सबसे ज्यादा इंटरेस्ट पेमेंट में 18 पैसा गया. सेंट्रल सेक्टर स्कीम में 13 पैसा, फाइनेंस कमीशन और अन्य ट्रांसफर में 10 पैसा, डिफेंस में 8 पैसा गया.
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