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आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे गुर्जरों की मांग आखिरकार राजस्थान सरकार ने मान ली है. राजस्थान में गुर्जर समुदाय को 5 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक बुधवार को राज्य विधानसभा में पास हो गया.
बिल के प्रावधानों के तहत गुर्जर समुदाय और 4 अन्य जातियों को इस 5 फीसदी आरक्षण के दायरे में लाया जाएगा. इसमें सरकारी नौकरियों के साथ ही शिक्षण संस्थाओं में भी अलग से आरक्षण देने का प्रावधान है.
विधानसभा में बुधवार को कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने 'राजस्थान बैकवर्ड क्लासेस अमेंडमेंट बिल' पेश किया. इसमें गुर्जर, बंजारा/ बालदिया/लबाना, गाडिया लोहार/ गाडोलिया, राइका/ रैबारी/ देबासी और गडरिया/गाडरी/गायरी जातियों को आरक्षण देने का जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2017 में इस संबंध में बने पुराने कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई है.
इसके तहत अधिनियम की धारा 3 और 4 में संशोधन प्रस्तावित है. इसके तहत राज्य की शिक्षण संस्थाओं में एडमिशन के लिए राज्य के अति पिछड़े वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इसी तरह राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों में भी इस वर्ग के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान होगा.
नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि संविधान में संशोधन के बिना आरक्षण की मांग का हल निकालना मुश्किल है. इससे पहले भी कई बार आरक्षण देने की कोशिश की गई है, लेकिन कोर्ट में जाकर मामला अटक जाता है.
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पिछले छह दिनों से राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लोग आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं. गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए थे. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके समर्थक उस दिन से यहीं जमे हैं.
बुधवार को भी सीकर में सड़क जाम कर रहे आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई. पुलिस ने लाठीचार्ज करके लोगों को खदेड़ा. इसके साथ ही हिंडौन, मलराना समेत कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क मार्ग बाधित किया. इससे पहले आंदोलन की वजह से मंगलवार को 15 ट्रेनें रद्द की गईं, जबकि 8 ट्रेनों के रूट को डायवर्ट किया गया.
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