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राजस्थान (Rajasthan) सरकार चुनावी वर्ष में एक लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को विधानसभा में बजट (Rajasthan Budget) पर चर्चा का जवाब देते हुए यह ऐलान किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि 10 फरवरी को बजट पेश करते हुए मैंने वर्तमान प्रक्रियाधीन नियुक्तियों के अतिरिक्त आगामी वित्त वर्ष में भी रिक्त होने वाले पदों पर भर्तियां सुनिश्चित करने की घोषणा की थी. अब मैं आगामी वर्ष एक लाख भर्तियां और करने की घोषणा करता हूं.
मुख्यमंत्री ने चिरंजीवी योजना का दायरा बढ़ाने का ऐलान करते हुए योजना के तहत अब ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा प्रदेश के बाहर के हॉस्पिटल्स में भी उपलब्ध करवाने की घोषणा की. इससे पहले गहलोत ने अपने बजट में चिरंजीवी योजना में इलाज की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की घोषणा की.
अशोक गहलोत ने कहा कि अब प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के खोले गए महात्मा गांधी स्कूलों के शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने किसानों को बड़ी छूट देते हुए विजिलेंस चेक रिपोर्ट (वीसीआर) भरने की शिकायतों का समाधान करने के लिए 'स्वैच्छिक भार वृद्धि' योजना की घोषणा की है.
इस योजना के तहत किसानों को लोड की घोषणा खुद करने पर पेनल्टी नहीं लगेगी और वीसीआर नहीं भरी जाएगी.
अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दौसा में जिस तरह की बातें कि वह नहीं करनी चाहिए थी, इस पद की एक गरिमा होती है. ईआरसीपी जैसी शानदार योजना में आप लोग जिस तरह की अड़चनें लगा रहे हो उसे देखकर राजस्थान की जनता आपको माफ नहीं करेगी.
मुख्यमंत्री गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर केन्द्र की नीतियों पर भी प्रहार बोला है. उन्होंने कहा कि जब विधायकों और सांसदों की सैलरी मनमर्जी से बढ़ सकती है तो सरकारी कर्मचारियों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकते, उन्हें भी पेंशन का हक है. उन्होंने देश भर में एक ही तरह का सोशल सिक्योरिटी काननू लागू करने की मांग की.
मुख्यमंत्री से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की जगह बोलते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश में 200 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की, पेपर लीक से बड़ा कोई अपराध नहीं है. राजस्थान में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती करते हैं. एक दिन बुलडोजर चलाया वो भी मकान मालिक पर चलाया, किराएदार फरार है.
पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार ने किसान के 10 दिन में पूरा कर्ज माफ करने की बात की थी, लेकिन अब तक इस तरफ एक कदम तक नहीं बढ़ाया गया. ड्राप आउट के लिए बच्चों का बजट इस बार कम हुआ है, प्रदेश के 32% स्कूलों में बिजली ही नहीं है.
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