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देश में राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव 23 मार्च को होंगे. ये सीटें 16 राज्यों की हैं. गुरुवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी. ऐसे में कई राज्यों से निर्विरोध उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा की गई, क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा या नामांकन वापस ले लिया.
बता दें, नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च थी, और वोटों की गिनती 23 मार्च को होगी.
जानिए किस राज्य से किन उम्मीदवारों का हुआ चुनाव:
बिहार से राज्यसभा के लिए 6 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया .
जेडीयू के अनिल कुमार साहनी, वशिष्ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद, बीजेपी के धमेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद का कार्यकाल 2 अप्रैल 2018 को पूरा होने और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर जेडीयू के अली अनवर की सदस्यता खत्म किए जाने से बिहार से राज्यसभा की 6 सीटें खाली हुई थीं.
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में फिलहाल आरजेडी के 79, जेडीयू के 69, बीजेपी के 52, कांग्रेस के 27, भाकपा माले के 3, एलजेपी और RLSP के 2-2, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं .
उत्तर प्रदेश से बीजेपी के 2 प्रत्याशियों विद्यासागर सोनकर और सलिल विश्नोई ने नाम वापस ले लिया. इस तरह अब सूबे में राज्यसभा की 10 सीटों के चुनाव के लिये कुल 11 उम्मीदवार मैदान में रह गये हैं.
बीजेपी उम्मीदवारों में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ-साथ अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, हरनाथ सिंह यादव, जी.वी.एल. नरसिम्हा राव और अनिल अग्रवाल शामिल हैं. वहीं, सपा ने जया बच्चन और बसपा ने भीमराव अम्बेडकर को प्रत्याशी बनाया है.
आंध्र प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों के लिए सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी के 2 उम्मीदवारों और विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के 1 उम्मीदवार को आम सहमति से चुन लिया गया.
टीडीपी के सी एम रमेश, कनकमेदला रवींद्र कुमार और वाईएसआर कांग्रेस के वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी को आंध्र प्रदेश की उन 3 सीटों पर चुना गया, जो 2 अप्रैल को खाली हो गई थीं. जहां रमेश दूसरी बार चुने गए हैं, वहीं कुमार और रेड्डी पहली बार राज्यसभा सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. राज्यसभा में 6 सीटों पर टीडीपी के सदस्यों का कब्जा बरकरार है, लेकिन इस चुनाव के साथ ही वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब एक से दो हो गई है.
हरियाणा में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी पी वत्स (67) निर्विरोध चुने गए, क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा. सीट पर फिलहाल कांग्रेस सदस्य शादी लाल बत्रा का कब्जा है, जो 2 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं.
हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 47 विधायक हैं और वत्स आसान से जीत जाते. INLD के 19 सदस्य, कांग्रेस के 17 और बीएसपी और शिरोमणि अकाली दल के एक-एक सदस्य हैं. 5 निर्दलीय हैं. हरियाणा से बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों की संख्या अब 2 हो गयी है. केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह राज्य से राज्यसभा के दूसरे सदस्य हैं.
केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित बीजेपी के 4 उम्मीदवार और कांग्रेस के राजमणि पटेल राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये. मध्य प्रदेश से निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, मीसाबंदी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी, वरिष्ठ बीजेपी नेता अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस के राजमणि पटेल शामिल हैं.
अजय प्रताप सिंह प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र के और कैलाश सोनी प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के रहने वाले हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि इस साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में इन दोनों नेताओं से बीजेपी विन्ध्य और महाकौशल क्षेत्र में और मजबूत होगी. वहीं, कांग्रेस नेता पटेल भी विन्ध्य क्षेत्र के हैं और ओबीसी है. इस इलाके में करीब 45 प्रतिशत मतदाता ओबीसी हैं. पटेल को राज्यसभा भेजकर कांग्रेस की नजर इन वोटों पर है. मध्य प्रदेश में कुल 11 राज्यसभा सीटें हैं, इनमें से 8 सीटों पर बीजेपी के प्रतिनिधि हैं और 3 कांग्रेस के पास हैं.
ओडिशा से राज्यसभा चुनावों के लिए बीजू जनता दल के 3 उम्मीदवारों प्रशांत नंदा, सौम्य रंजन पटनायक और अच्युत सामंत को राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष महापात्र की ओर से दाखिल किए गए नामांकन पत्र को अमान्य करार दे दिया गया क्योंकि वो प्रस्तावक विधायकों की जरूरी संख्या जुटाने में नाकाम रहे थे. विपक्षी पार्टियों- कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य विधानसभा में अपनी अपर्याप्त संख्या के कारण अपने किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा. कुल 147 सदस्यों वाली ओडिशा विधानसभा में बीजेडी के 118 विधायक हैं. कांग्रेस के 15 जबकि बीजेपी के 10 विधायक हैं.
बीजद के सांसद दिलीप तिर्की, एयू सिंहदेव और बीजेडी समर्थित निर्दलीय सदस्य एवी स्वामी का कार्यकाल 2 अप्रैल को पूरा होने जा रहा है, इसलिए राज्य से राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव कराए जा रहे हैं.
गुजरात से राज्यसभा के लिए 4 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए. इनमें 2 बीजेपी और 2 कांग्रेस के हैं. केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया( बीजेपी) और नारण राठवा और अमी याज्ञनिक( कांग्रेस) को चुनाव अधिकारियों ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया.
बीजेपी के किरीटसिंह राणा और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पीके वलेरा ने अपना नाम वापस ले लिया. राज्य से राज्यसभा की 4 सीटें खाली थीं.
उत्तराखंड से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. इस सीट के लिए नामांकन सिर्फ बलूनी ने भरा था.
राज्यसभा की ये सीट अभी तक कांग्रेस के पास थी. सत्ताधारी बीजेपी के विधानसभा में बहुमत को देखते हुए कांग्रेस ने राज्यसभा सीट के लिए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा. 70 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 56 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 11 विधायक हैं और 2 सीटें निर्दलीय के पास है. हाल में थराली से बीजेपी विधायक मगनलाल शाह के निधन के कारण एक सीट खाली है.
राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों पर बीजेपी के डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, भूपेन्द्र यादव और मदन लाल सैनी निर्विरोध चुन लिये गये.
बता दें कि 2008 में बीजेपी से अलग हुए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले सप्ताह एनपीपी के दो अन्य विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गये थे. मीणा के अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव और वरिष्ठ नेता मदन लाल सैनी राज्यसभा सीट के लिये नामांकन पत्र दाखिल किया था. विपक्ष कांग्रेस ने राज्यसभा चुनावों के लिये किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारने की घोषणा की थी. बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया था. बीजेपी सांसद भूपेन्द्र यादव और दो कांग्रेस सासंद अभिषेक मनु सिंघवी ओर नरेन्द्र बुढानिया का कार्यकाल 3 अप्रैल को पूरा हो रहा है.
राज्यसभा चुनावों में महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित 6 उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया.
बता दें, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर की ओर से अपना नामांकन पत्र वापस लेने के बाद बचे 6 उम्मीदवारों का चुनाव अब महज औपचारिकता है. राज्यसभा की खाली हुई 6 सीटों के लिए बीजेपी से 3 उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के एक- एक उम्मीदवार हैं.
शिवसेना ने मंगलवार को बीजेपी से सवाल किया था कि राणे जब बीजेपी के सदस्य ही नहीं हैं तो पार्टी ने उन्हें राज्यसभा उम्मीदवार क्यों बनाया है. राणे ने 2005 में शिवसेना छोड़ थी और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पिछले साल सितंबर में राणे ने कांग्रेस भी छोड़ दी और महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष( एमएसपी) का गठन कर लिया. एमसीपी को उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल कर लिया है.
बता दें, राज्यसभा के 58 सदस्यों का कार्यकाल इस साल अप्रैल और मई में खत्म होने वाला है.
जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें से 10 उत्तर प्रदेश से, 6-6 बिहार और महाराष्ट्र से, 5-5 मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल से, 4 गुजरात और कर्नाटक से, जबकि 3-3 सदस्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान से शामिल हैं.
2 सदस्य झारखंड से रिटायर्ड होंगे, जबकि छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से एक-एक सदस्य रिटायर होंगे.
केरल की एक सीट के लिए उपचुनाव भी 23 मार्च को होगा, क्योंकि एम.पी. वीरेंद्र कुमार ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
(इनपुट भाषा से)
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