advertisement
राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जाने वाले चंदे को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर करोड़ों के घोटाले (Ram Mandir Land) का आरोप लगाया गया है. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह से लेकर समाजवादी पार्टी, टीएमसी, कांग्रेस और अन्य दल भी अब इस मामले को उठा रहे हैं. आरोप है कि ट्रस्ट ने करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला किया है. इसे लेकर अब एक बार फिर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरा मामला बताया.
दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि देश की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, लोग भव्य मंदिर निर्माण का इंतजार कर रहे हैं. मंदिर बनाने की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की है. लेकिन कुछ ही दिन पहले ट्रस्ट ने 12080 वर्गमीटर जमीन खरीदी. जिसे 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया. जिसके सारे पेपर हमारे पास हैं. उन्होंने बताया,
मनीष सिसोदिया ने बताया कि, जो जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक से 2 करोड़ में खरीदी गई थी, उसमें भी अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ही गवाह थे, इसके बाद जब यही जमीन 18.5 करोड़ में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने खरीदी तो भी यही दोनों गवाह के तौर पर मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि, हमें पहले ये कागजात झूठे लगे और इसमें किसी फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई. लेकिन इसके ठीक बाद श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने खुद बताया कि उन्होंने ये जमीन खरीदी है. इससे बहुत दुख हो रहा है. लोग आस्था से चंदा दे रहे हैं, उनसे खिलवाड़ ठीक नहीं है.
आम आदमी पार्टी के अलावा अब इस मुद्दे को अन्य दल भी उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी एक न्यूज आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा कि, "देते हैं भगवान को धोखा इंसान को क्या छोड़ेंगे"
इस मामले में टीएमसी सांसद सांतनु सेन ने कहा कि, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि,
पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी और ट्रस्ट पर ट्विटर के जरिए हमला बोला. उन्होंने कहा कि, "राम का साथ मोदी का विश्वास और हमारा विकास, हद ही हो गई. राम को भी नहीं छोड़ा. अब क्या बचा? मोदी है तो मुमकिन है."
इस पूरे मामले को लेकर शिवसेना की तरफ से भी रिएक्शन आया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, ये आस्था का मामला है और इस पर सफाई देनी चाहिए कि जमीन घोटाले का ये मामला सच है या फिर झूठ... उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए राम मंदिर एक राजनीतिक मुद्दा है.
मशहूर कार्टूनिस्ट मंजुल ने भी अपने ही अंदाज में इस कथित घोटाले को दिखाया. उन्होंने अपने बनाए एक कार्टून के जरिए इसकी आलोचना की. बता दें कि मंजुल वही कार्टूनिस्ट हैं, जिनके खिलाफ सरकार ने ट्विटर को शिकायत की थी, वहीं उन्हें इसके बाद चैनल ने भी सस्पेंड कर दिया था.
बता दें कि इस मामले को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से सफाई भी सामने आई है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इन तमाम आरोपों पर कहा कि, “भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेता गणों ने सालों पहले जिस मूल्य पर अनुबंध किया था, उस भूमि का 18 मार्च को बैनामा कराया और उसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध हुआ.”
वहीं रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि, 'मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट किसी तरीके का घोटाला कर सकता है, ये संभव नहीं.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)