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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) से पहले अयोध्या (Ayodhya) छावनी में तब्दील हो गई है. पूरे शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. जल-थल-नभ से निगरानी की जा रही है. राम मंदिर से लेकर शहर के चौक-चौराहों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
राम मंदिर की सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है. इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सुरक्षा बल (SSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) शामिल है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) द्वारा अत्यधिक विशिष्ट आतंकवाद विरोधी रणनीति में प्रशिक्षित लगभग 100 SSF कमांडो को मंदिर परिसर में और उसके आसपास प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है.
SSF अधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने TOI को बताया कि राज्य बल सबसे बड़ा घटक है, जिसमें यूपी पुलिस और PAC के 1,400 कर्मी हैं, जिन्हें मंदिर के ठीक बाहर 'रेड' जोन में तैनात किया जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, VIP सुरक्षा के लिए तीन उप महानिरीक्षक (DIG), 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर, 1,000 से अधिक कॉन्स्टेबल और PAC की चार कंपनियां तैनात की गई हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या धाम की सुरक्षा को दो जोन में बांटा गया है- 'रेड और येलो'. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में बड़े पैमाने पर पुलिस दल तैनात किया गया है.
ADG जोन लखनऊ पीयूष मोर्डिया ने कहा, "हमारा जो भी पुलिस बल आना था वो जनपद में आ चुका है. पुलिस बलों को लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. ड्रोन के माध्यम से पूरे जिले में निगरानी रखी जा रही है. नदी के किनारे नाव की सहायता से गश्त की जा रही है. जिन स्थानों पर मेहमान ठहरेंगे वहां भी व्यवस्थाएं की गई हैं. कार्यक्रम स्थल पर भी फोर्स लगाई गई है."
आतंकवाद निरोधी दस्ते के कमांडो तैनात: अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते के कमांडो को भी तैनात किया गया है. शहर में सुरक्षा कवर बढ़ाने के लिए 16 जनवरी को ATS कमांडो को तैनात कर दिया गया था.
ड्रोन से निगरानी: अयोध्या में 360-डिग्री सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एंटी-माइन ड्रोन का भी यूपी पुलिस इस्तेमाल कर रही है. अयोध्या पर ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस प्रशिक्षित सुरक्षा बलों की पैनी नजर है.
रेड और येलो जोन पर एंटी-ड्रोन सिस्टम से नजर रखी जा रही है. इसके जरिए 5 किलोमीटर के दायरे में उड़ रहे किसी भी ड्रोन का पता लगाया जा सकता है. इस सिस्टम के जरिए किसी भी ड्रोन को निष्क्रिय किया जा सकता है.
सरयू में NDRF तैनात: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टुकड़ी को सरयू नदी और घाटों पर तैनात किया गया है. इसके साथ ही नदी में भी लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है.
राज्य सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ''पूरे शहर की निगरानी नगर निगम की सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधन प्रणाली (ITMS), सीसीटीवी कैमरों और पुलिस नियंत्रण कक्ष के माध्यम से की जा रही है. इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर लगे 1,500 सीसीटीवी कैमरों को ITMS से जोड़ा गया है. येलो जोन में चेहरों की पहचान के लिए 10,715 स्थानों पर AI-आधारित बड़ी स्क्रीन को ITMS से जोड़ा गया है.
शनिवार, 20 जनवरी रात 8 बजे से अयोध्या में बाहरी गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने डायवर्जन प्लान जारी किया और लोगों से इसे फॉलो करने की अपील की है. अयोध्या के SSP राजकरन नैय्यर ने बताया, "20 जनवरी की रात्रि 8 बजे से जनपथ अयोध्या के बॉर्डर से आकस्मिक वाहन और यहां के स्थानीय निवासियों के वाहनों के अतिरिक्त केवल हमारे आमंत्रित अतिथिगण या जिन्हें मीडिया पास उपलब्ध करवाया जाएगा, उनके वाहनों को ही अंदर प्रवेश करने दिया जाएगा."
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम समेत प्रदेश में आगामी त्योहारों को लेकर लखनऊ में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसको लेकर लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने आदेश जारी किया है.
उन्होंने अपने आदेश में कहा कि "22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, 25 जनवरी को हजर अली का जन्म दिवस, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 14 फरवरी को बसंत पंचमी, 24 फरवरी को संत रविदास जयंती, 26 फरवरी को शबे बरात और 8 मार्च को महाशिवरात्रि आदि त्योहार आयोजित होंगे. साथ ही विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाएगी. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर वर्तमान में विभिन्न राजनैतिक पार्टी कार्यकर्ताओं/ भारतीय किसान संगठनों और विभिन्न प्रदर्शनकारियों के धरना प्रदर्शन आदि से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. ऐसे में लखनऊ में धारा 144 लगाना आवश्यक है."
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