Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-201921 अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों से ज्यादा संपत्ति: Oxfam रिपोर्ट

21 अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों से ज्यादा संपत्ति: Oxfam रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 102 थी जो 2022 में बढ़कर 166 हो गई है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>अमीर और अमीर हुए</p></div>
i

अमीर और अमीर हुए

(फोटो: twitter)

advertisement

सबसे अमीर 21 भारतीय अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों से अधिक संपत्ति है, ऑक्सफैम इंडिया की एक नई रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी शुरू होने से लेकर पिछले साल नवंबर तक भारत में अरबपतियों की संपत्ति में 121% या वास्तविक रूप में कहें तो 3,608 करोड़ रुपये प्रति दिन की बढ़ोतरी देखी गई है.

ऑक्सफैम इंडिया की नई रिपोर्ट "सरवाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी" के अनुसार, जहां 2021 में सिर्फ 5% भारतीयों के पास देश में कुल संपत्ति का 62% से ज्यादा हिस्सा था, वहीं नीचे के 50% लोगों के पास केवल 3% धन था.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे अमीर 1 फीसदी के पास अब देश की कुल संपत्ति का 40 फीसदी से अधिक हिस्सा है, जबकि आधी आबादी के पास केवल 3 फीसदी संपत्ति है.

रिपोर्ट के निष्कर्ष को सोमवार को स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में साझा किया जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 102 थी जो 2022 में बढ़कर 166 हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है,

"भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की संयुक्त संपत्ति 660 अरब डॉलर (54.12 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है - एक ऐसी राशि जो पूरे केंद्रीय बजट को 18 महीने से अधिक समय तक फंड दे सकती है."

आगे के विश्लेषण से पता चलता है कि अगर भारत के अरबपतियों पर उनकी पूरी संपत्ति पर 2% की दर से एक बार टैक्स लगाया जाता है, तो यह अगले तीन सालों के लिए देश में कुपोषित आबादी के पोषण के लिए 40,423 करोड़ रुपये की जरूरत को पूरा करेगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसे देखते हुए, ऑक्सफैम इंडिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी केंद्रीय बजट में संपत्ति कर "प्रगतिशील कर उपायों" (“progressive tax measures”) को लागू करने का आह्वान किया है.

अमिताभ बेहर, सीईओ, ऑक्सफैम इंडिया ने कहा,

“अमीरों की तुलना में गरीब अनुपातहीन रूप से अधिक टैक्स का भुगतान कर रहे हैं, जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर अधिक खर्च कर रहे हैं. समय आ गया है कि अमीरों पर टैक्स लगाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे अपने उचित हिस्से का भुगतान करें. हम वित्त मंत्री से वेल्थ टैक्स और विरासत टैक्स जैसे प्रगतिशील टैक्स उपायों को लागू करने का आग्रह करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से असमानता से निपटने में प्रभावी साबित हुए हैं."

सबसे ज्यादा टैक्स कौन देता है?

रिपोर्ट में भारी असमानता पर रौशनी डाला गया है क्योंकि इसमें कहा गया है कि 2012 से 2021 तक, भारत में आबादी के केवल 1% के पास, निर्मित धन का 40% हिस्सा चला गया है और 50% आबादी के पास सिर्फ 3% धन गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार अमीरों की तुलना में गरीबों और मध्यम वर्ग पर अधिक टैक्स लगा रही है. साल 2021-22 में जीएसटी का कुल 14.83 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग 64% हिस्सा 50%आबादी से जमा हुआ है.

अनुमानों का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 33% जीएसटी मध्य से 40% और टॉप 10% से सिर्फ 3% आता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT