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Elon Musk को पछाड़ दुनिया के सबसे अमीर शख्स बने Bernard Arnault कौन हैं?

Bernard Arnalt करीब 33 सालों से फ्रांस की लग्जरी गुड्स कंपनी LVMH के CEO हैं.

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एलन मस्क अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स नहीं हैं. तो सवाल उठता है कि अब कौन है? कौन है जिसने टेस्ला, स्पेस एक्स और अब ट्विटर के नए बॉस बने एलन मस्क को पछाड़ दिया है. जवाब है बर्नार्ड अरनॉल्ट. दुनिया की लीडिंग लग्जरी गुड्स की कंपनी LVMH के चेयरमैन और सीईओ.

करीब 188.6 बिलियन डॉलर की नेट वर्थ के साथ LVMH के सीईओ और चेयरमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं. वहीं, 178.6 बिलियन डॉलर की नेट वर्थ के साथ एलन मस्क फोर्ब्स की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं.

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कौन हैं बर्नार्ड अरनॉल्ट?

1949 में फ्रांस के रूबे में एक इंडस्ट्रियल परिवार में जन्में अरनॉल्ट ने पेरिस के इकोल पॉलिटेक्नीक से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने परिवार के Ferret-Savinel कंस्ट्रक्शन कंपनी में बतौर इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत की और कई प्रमोशन के बाद 1978 में वो इस कंपनी के चेयरमैन बने.

इसके करीब छह साल बाद, उन्होंने दिवालिया घोषित फ्रेंच टेक्सटाइल ग्रुप Boussac Saint-Freres को खरीदा. ये ग्रुप फ्रेंच लग्जरी डिजाइनर क्रिस्टियन डियॉर का था. इस ब्रांड के साथ ही लग्जरी गुड्स की दुनिया में अरनॉल्ट ने शुरुआत की.

लग्जरी की दुनिया में अरनॉल्ट की एंट्री एक कैब ड्राइवर के साथ ही हुई बातचीत से प्रेरित लगती है.

फोर्ब्स के एक आर्टिकल के मुताबिक, न्यूयॉर्क में जब अरनॉल्ट ने एक कैब ड्राइवर से पूछा था, कि क्या वो फ्रांस के राष्ट्रपति जॉर्ज पॉम्पिदू को जानते हैं, तो ड्राइवर ने मना कर दिया और कहा, "लेकिन मैं क्रिस्टियन डियॉर को जानता हूं."

1989 में, अरनॉल्ट LVMH के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए. 1989 से वो इसके चेयरमैन और सीईओ हैं. अरनॉल्ट, ग्रुप अरनॉल्ट S.E. (उनके परिवार की कंपनी) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के प्रेसीडेंट हैं.

फोर्ब्स के मुताबिक, उनके पांच बच्चों में से चार, Frédéric, Delphine, Antoine और Alexandre, LVMH कंपनी में ही अलग-अलग पदों पर हैं.

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कैसे LVMH के सर्वेसर्वा बने अरनॉल्ट?

LVMH कंपनी, यानी कि Moët Hennessy Louis Vuitton (मोएत एनेसी लुई वितौं) केवल फ्रांस की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी लग्जरी गुड्स की कंपनी है. LVMH की 60 से ज्यादा सहायक कंपनियां हैं, जो करीब 75 ब्रांड्स को कंट्रोल करती हैं. इसमें क्रिस्टिन डियॉर, फेंडी, मार्क जेकब्स, सिफोरा, टैग होयर, बल्गारी और टिफनी एंड कंपनी जैसे ब्रांड्स शामिल हैं.

लेकिन ये कंपनी इस मुकाम तक पहुंची कैसे? इसकी कहानी भी काफी दिलचस्प है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1980 के दशक में क्रिस्टियन डियॉर को खरीदने के बाद, उनकी नजर डियॉर के परफ्यूम डिविजन पर थी, जो उस समय Louis Vuitton Moët Hennessy को बेचा गया था. उस समय अरनॉल्ट ने Vuitton कंपनी के हेड के साथ पार्टनरशिप की और Moët के चीफ को निकालने में Vuitton हेड की मदद की. लेकिन Vuitton हेड को क्या मालूम था कि इस कदम में वो अपना पद भी गंवा बैठेंगे.

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1989 में अरनॉल्ट LVMH के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए. इसके बाद से उन्होंने दूसरे यूरोपियन लग्जरी ब्रांड्स को अपनी कंपनी में शामिल करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए हैं, जिसमें फैशन, परफ्यूम, ज्वेलरी, घड़ी, वाइन और स्पिरिट के ब्रांड्स शामिल हैं. अरनॉल्ट के LVMH का प्रमुख बनने के बाद कंपनी में इटैलियन ज्वेलरी ब्रांड बल्गारी, बेलमॉन्ड होटल ग्रुप जैसे ब्रांड्स शामिल हुए.

अरनॉल्ट को वर्कोहॉलिक के रूप में जाना जाता है. वो अक्सर अपने स्टोर्स का इंस्पेक्शन करते हैं और दुनिया में कंपनी के तमाम स्टोर्स पर भा जकर

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, LVMH की मार्केट वैल्यू करीब 386 बिलियन डॉलर की है. इसके 68 से ज्यादा देशों में 4,590 स्टोर हैं.

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