advertisement
बीजेपी आरोप लगा रही है कि गैंगस्टर विकास दुबे के संबंध समाजवादी से पार्टी थे. इस पर पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि अगर सरकार दुबे का एक साल का कॉल रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दे तो पता चल जाएगा कि उसे कौन नेता और कौन पुलिस अफसर शह दे रहे थे. अखिलेश ने कहा है कि आज नौबत ये है कि बीजेपी अपने ही लोगों की हत्या करवा रही है? अखिलेश यादव ने ये बातें क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से क्विंट के खास कार्यक्रम 'राजपथ' में कही. इस बातचीत में अखिलेश ने 2022 के लिए पार्टी की रणनीति को लेकर एक बड़ा खुलासा भी किया और बेटी अदिति के अच्छे नंबरों से पास होने का राज भी बताया.
यूपी में गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया कि STF की गाड़ी नहीं पलटती तो शायद सरकार पलटती? ऐसा उन्होंने क्यों कहा? आखिर वो इस बारे में क्या जानते हैं? इस पर अखिलेश ने कहा कि "अगर गूगल सैटेलाइट के जरिए देखें तो पता चल जाएगा कि विकास कैसे उज्जैन पहुंचा? कहां बैरेकेडिंग थी और कहां नहीं? इसी तरह उसके एनकाउंटर को लेकर भी कई सवाल हैं. जैसे वो एक गाड़ी में बैठा था, लेकिन पलटी दूसरी गाड़ी. कथित हादसे के बाद टायरों के निशान भी नहीं मिले. जिधर विकास दुबे भागा, उधर पैरों के निशान भी नहीं मिले. इन सारी चीजों से परदा उठ सकता है कि अगर गूगल के जरिए इन्हें देखा जाए और ये सब सार्वजनिक किया जाए.''
बीजेपी का आरोप है कि समाजवादी पार्टी ने विकास दुबे की पत्नी को वार्ड चुनाव में टिकट दिया था. इस पर अखिलेश का जवाब है कि "एक वार्ड से एक ही उम्मीदवार हो सकता है और उस सीट से SP की उम्मीदवार सुधा यादव थीं. सच्चाई तो ये है कि बीजेपी के 11 नेताओं से विकास दुबे के संबंध थे, और अब ये अखबार में भी छप चुका है. एक साल का कॉल रिकॉर्ड जारी करें तो पता लग जाएगा कि विकास दुबे को कौन नेता और कौन पुलिस वाले शह दे रहे थे. मुखबिरी पुलिस वालों ने की, तो इसकी जिम्मेदारी भी सरकार पर है. बीजेपी की नीति है कि सोशल मीडिया के जरिए विरोधियों को बदनाम कर दिया जाए. दुख की बात ये है कि बीजेपी विकास दुबे की मां से कहलवा रही है कि वो समाजवादी पार्टी का सदस्य था. हत्या भी इसलिए हुई है ताकि राज न खुलें.’’
अखिलेश का कहना है कि ''ठोक नीति ठीक नहीं है. इससे कानून व्यवस्था ठीक नहीं हो सकती. इसी के कारण लखनऊ में आईटी प्रोफेशनल की हत्या हो गई. नोएडा में जिम ट्रेनर के साथ घटना हो गई. जब हमने इस नीति का विरोध किया तो आजम खान जैसे एसपी नेताओं को फंसा दिया गया. जिस राज्य में IPS पैसे देकर तैनाती ले रहे हैं, वहां क्या उम्मीद कर सकते हैं.’’
अखिलेश ने आरोप लगाया - ''उनकी सरकार ने विकास के जो काम शुरू किए थे, वो अब हो नहीं रहे. बीजेपी की सरकार सिर्फ जातिवाद और नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. हमारी सरकार में सबसे अच्छी सड़कें बन रही थीं. दिल्ली से आगरा तक एक्सप्रेस वे बन चुकी थी. आगरा से लेकर गाजीपुर तक बनाने का काम जारी था. ये यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे होता, यूपी के किसी कोने से कोई राजधानी लखनऊ आना चाहता तो चार पांच घंटे में आ जाता. कई जगह मेट्रो बनाने का काम शुरू किया. कैंसर अस्पताल बना रहे थे. कृषि मंडियां बना रहे थे. निवेश ला रहे थे. कोविड में जो बड़े-बड़े अस्पताल काम आ रहे हैं वो समाजवादी पार्टी ने ही बनाए थे. लेकिन अब सब काम रुका है. कुछ मामलों में हमारे कामों को ही बीजेपी नया नाम देकर खुद का बता रही है.''
इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने एक बड़ी बात ये कही कि वो आगामी चुनावों में किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे. छोटे दलों को साथ ले सकते हैं. एसपी अध्यक्ष इसके पीछे दलील देते हैं कि-'' गठबंधन करने से बीजेपी कहती है कि ये हिंदुत्व के खिलाफ गठबंधन है. इस बार इन्हें ये कहने का मौका नहीं देंगे कि देखिए सारे एक तरफ हो गए हैं. हम चुनाव हारे हैं और इससे हमें ये सीख मिली है.''
अखिलेश को लगता है कि नोटबंदी से लेकर जीएसटी और कोरोना नियंत्रण तक में सरकार फेल रही है. लॉकडाउन में जब लोग परेशान हैं तो सरकार राहत देने के बजाय 20 लाख करोड़ का लोन दे रही है. राज्य में बीजेपी के विधायक नाराज हैं, जनता नाराज हैं, ऐसे में जनता इस बार समाजवादी पार्टी के कामों को याद करेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)