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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले (Sandeshkhali Case) में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी TMC नेता शाहजहां शेख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) को बंगाल (West Bengal) की एक स्पेशल पुलिस फोर्स ने बुधवार, 28 फरवरी की आधी रात उत्तरी 24 परगना जिले के मिनाखा से गिरफ्तार किया. शाहजहां शेख को गिरफ्तारी के बाद बशीरहाट कोर्ट ले जाया गया. कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
पुलिस के मुताबिक शाहजहां शेख की ये गिरफ्तारी महिलाओं के उत्पीड़न मामले केस में नहीं हुई है. बता दें कि शाहजहां शेख ED अफसरों पर हुए हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल था, उसी मामले में ये कार्रवाई हुई है.
यह गिरफ्तारी कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा शेख शाहजहां को संदेशखाली मामले में शामिल करने के आदेश के तीन दिन बाद हुई है. 26 फरवरी को कलकत्ता HC ने मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया और कहा, "पुलिस के पास शाहजहां शेख को गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है."
ADG सुप्रतिम सरकार ने ED पर निशाना साधते हुए कहा कि, "हम पर बाध्यता थी लेकिन ED पर कौन सी बाध्यता थी कि उन्होंने अबतक गिरफ्तारी नहीं की?"
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में इस महीने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है. महिलाओं का एक समूह TMC नेता द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग रहा है. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहां और उनके साथियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जबरन उनकी जमीनें हड़प ली.
शाहजहां शेख 5 जनवरी से फरार बताया जा रहा था. पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तब उस दौरान शेख के समर्थकों की एक भीड़ ने ED की टीम पर हमला कर दिया. नेता को पहले भी 2019 में 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या सहित कई आपराधिक मामलों में आरोपी करार दिया गया था.
शाहजहां का संदेशखाली में राजनैतिक पकड़ तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने से काफी पहले ही शुरू हो गया था. NDTV में छपे एक रिपोर्टों के अनुसार, शाहजहां के मामा मोस्लेम शेख स्थानीय CPM नेता और पंचायत प्रमुख थे. शाहजहां चुनावों के दौरान उनकी मदद करता और जिससे वह स्थानीय पार्टियों के संपर्क में आया, साथ ही उसने बड़े पैमाने पर मछली का व्यापार शुरू कर दिया.
2010 के आसपास, शाहजहां ने बंगाल में CPM के खिलाफ चल रही हवा को भांप लिया और खुद को धीरे-धीरे सीपीएम से दूर करना शुरू कर दिया. क्योंकि 2011 के चुनावों से पहले ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने बढ़त हासिल कर ली थी. शाहजहां की गणना तब सही साबित हुई जब वामपंथियों की 34 साल की सत्ता गिरी और तृणमूल सत्ता में आई.
2013 में शेख शाहजहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुआ और अपने मामा सीपीएम नेता मोस्लेम शेख को हरा दिया. शाहजहां की बढ़ती पहचान और नाम देख कर कुछ साल पहले मोस्लेम शेख ने भी तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिला लिया.
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