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संदेशखाली मामले में TMC लीडर गिरफ्तार, FIR में रेप की धारा जुड़ी, पार्टी ने क्या कहा?

Sandeshkhali: बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली क्षेत्र के दौरे के दौरान पुलिस ने रोक दिया था

Published
भारत
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संदेशखाली में महिलाएं TMC नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में TMC के एक ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है. इधर, मामले को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि ब्लॉक अध्यक्ष शिबू प्रसाद हाजरा को शनिवार, 17 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया और FIR में रेप की धाराएं जोड़ दी गई हैं.

शिबू प्रसाद हाजरा स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहां के दो सहयोगियों में से एक हैं, जिन पर कुछ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. दूसरे सहयोगी, उत्तम सरदार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं, शाहजहां शेख 5 जनवरी को कथित राशन घोटाले के सिलसिले में उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद से फरार है.

''यह बेहद शर्मनाक घटना"- सुकांता मजूमदार

संदेशखाली घटना पर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा,

''यह बेहद शर्मनाक घटना है. जिस तरह से महिलाएं कहती रहीं कि उन्हें बार-बार टीएमसी दफ्तर में बुलाया जाता था... महिलाओं से कहा गया कि अगर उन्हें फायदा चाहिए तो उन्हें शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के साथ समझौता करना होगा. शेख शाहजहां का नाम बार-बार आ रहा है. हम मांग करते हैं कि सभी को गिरफ्तार किया जाए और कब्जाई गई जमीन वापस की जाए...''

"फैलाई गई कहानियां झूठी"- कुणाल घोष

हाजरा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष एएनआई के साथ बातचीत में कहा...

"पुलिस, प्रशासन और सरकार राज धर्म का पालन कर रहे हैं. गिरफ्तारी का मतलब यह नहीं है कि बलात्कार और छेड़छाड़ के झूठे आरोप सच हैं. जमीन और भुगतान पर विवाद विपक्ष जो कह रहा है वह सच नहीं है. मध्य प्रदेश में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे आग के हवाले कर दिया गया. राष्ट्रीय महिला आयोग कहां है? बीजेपी कहां है? विपक्ष द्वारा संदेशखाली के बारे में बड़े पैमाने पर फैलाई गई कहानियां झूठी हैं."

उन्होंने बीजेपी के राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''मैं आपको (पश्चिम बंगाल में) अनुच्छेद 356 लागू करने की चुनौती देता हूं. ऐसे हथकंडों और साजिश से हमें डराने की कोशिश मत करो."

बंगाल के  डीजीपी ने क्या कहा?

पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने शनिवार, 17 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा...

"जब पुलिस ने एक महिला से बात की तो उसने कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया. इतनी महिलाओं से बात करने के बावजूद हमें अभी तक दुष्कर्म की कोई शिकायत नहीं मिली है. एक महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है. हमने इसे FIR में जोड़ दिया है."
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"कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144"

गांव में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत रोक लगाए जाने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ऐसा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया है, न कि राजनीतिक दलों को गांव में जाने से रोकने के लिए.

"धारा 144 लगाने के बारे में कुछ सवाल उठाए गए थे, जबकि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. ऐसा इसलिए था क्योंकि कुछ लोग घटना को सांप्रदायिक रंग देने या अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे थे, यही कारण है कि हमने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसे लगाया. निषेधाज्ञा लागू करने की समीक्षा की जाएगी और उन्हें एक या दो दिन में कुछ हिस्सों से हटाया जा सकता है."
डीजीपी, बंगाल

''समझ में नहीं आता कि आज उनकी मोमबत्तियां कहां हैं"- कैलाश विजयवर्गीय

मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने संदेशखाली मामले के बाद पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य में महिलाओं के प्रति सम्मान की कमी है.

"पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो गई है...वहां महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है. यहां तक ​​कि जब महिलाओं पर अत्याचार होता है तो पुलिस भी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है...वे सभी लोग जो मोमबत्तियां लेकर निकलते थे, मैं नहीं' विजयवर्गीय ने शनिवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, समझ में नहीं आता कि आज उनकी मोमबत्तियां कहां हैं.''
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"ऐसी घटनाओं का समाज में कोई स्थान नहीं"- मिथुन चक्रवर्ती

अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी 16 फरवरी को संदेशखली में अशांति को लेकर बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को इस तरह के अत्याचारों के लिए अपने मतभेदों को दूर करने की जरूरत है. मिथुन चक्रवर्ती ने एएनआई के हवाले से कहा...

“क्या संदेशखाली में जो हुआ उससे भी अधिक भयावह कुछ हो सकता है? क्या यह उस बड़े, कुटिल खेल का हिस्सा है जो आप बंगाल की महिलाओं के साथ खेल रहे हैं? यह अविश्वसनीय है. हम सभी अपनी राजनीति करेंगे, संदेशखाली में घटी घटनाएं राजनीति से परे हैं. ऐसी घटनाओं का समाज में कोई स्थान नहीं है. हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपनी आवाज उठाएं और सुनिश्चित करें कि लोग इस तरह के दुख में न रहे."

अग्निमित्रा पॉल ने की प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात

यौन उत्पीड़न और हिंसा की कथित घटनाओं की जांच करने के लिए नियुक्त बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली क्षेत्र के दौरे के दौरान पुलिस ने रोक दिया था.

संदेशखाली जाने से रोके जाने के बाद अग्निमित्रा पॉल के साथ बीजेपी नेता अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृज लाल सहित प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की.

बैठक के बाद, प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने संदेशखाली जाने और महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने की अनुमति मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने का इरादा व्यक्त करते हुए कहा..

"आज, हमें संदेशखाली की यात्रा के बीच में रोके जाने के बाद वापस लौटना पड़ा. हम सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेंगे, जिसमें आग्रह किया जाएगा कि हमें संदेशखाली जाने की अनुमति दी जाए. हम निश्चित रूप से वहां जाएंगे. जिस तरह से महिलाएं, बच्चे और नवविवाहित बीजेपी प्रतिनिधिमंडल की सदस्य अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ''संदेशखली में टीएमसी के गुंडों द्वारा दुल्हनों पर अत्याचार किया गया है और पुलिस को उजागर किया जाएगा. उन्हें न्याय मिलेगा.''

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