Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019SC-ST केस: सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार

SC-ST केस: सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार

इस मामले पर 10 दिन के बाद फिर सुनवाई होगी

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू  पिटीशन दाखिल किया गया था
i
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू  पिटीशन दाखिल किया गया था
(फोटो: ANI)

advertisement

  • SC-ST एक्ट के अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है
  • आंदोलन कर रहे लोगों ने फैसले को सही तरीके से नहीं पढ़ा है: सुप्रीम कोर्ट
  • कोर्ट ने दो दिन के अंदर सभी पार्टियों से ब्योरा मांगा है
  • इस मामले पर 10 दिन के बाद फिर सुनवाई होगी
  • SC-ST एक्ट पर कोर्ट के फैसले को लेकर देशभर के दलित आंदोलन कर रहे हैं

एससी-एसटी एक्ट से जुड़े अपने 20 मार्च के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने ये कहा है कि वो केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर विस्तार से विचार करेगा. कोर्ट ने कहा कि आंदोलन कर रहे लोगों ने फैसले को सही तरीके से नहीं पढ़ा है, वो स्वार्थी तत्वों से गुमराह हो गए हैं.

कोर्ट ने अपने 20 मार्च के फैसले पर कहा है कि हमने एक्ट के प्रावधानों को नरम नहीं किया है, बल्कि निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी के मामले में उनके हितों की रक्षा की है, एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों का इस्तेमाल निर्दोष लोगों को आतंकित करने के लिए नहीं किया जा सकता. बता दें कि सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने मंगलवार को भारत बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और जान-माल के नुकसान का हवाला दिया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सरकार की तरफ से जल्द सुनवाई की मांग

अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा था कि, हालात बहुत कठिन है, क्योंकि बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और इसकी जल्द सुनवाई की जरूरत है. उन्होंने अपनी याचिका में मंगलवार दो बजे एससी पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील की थी.

ये भी पढ़ें- क्या है SC-ST एक्ट, किस बदलाव को लेकर मचा है इतना बवाल

उच्चतम न्यायालय की पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह चीफ जस्टिस से उसी बेंच के गठन का अनुरोध करें जिसने एससी-एसटी फैसला सुनाया था. इसके बाद चीफ जस्टिस ने केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए उसी पीठ के गठन पर सहमति जताई जिसने ये फैसला सुनाया था.

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च 2018 को एक अहम फैसला सुनाया. इसमें कोर्ट ने माना था कि इस एक्ट का गलत इस्तेमाल हो रहा है. इसके तहत शीर्ष अदालत ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम, 1989 के तहत स्वत: गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज किये जाने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद से इस आदेश का देशव्यापी विरोध हो रहा था.

ये भी पढ़ें-SC-ST के भारत बंद के 6 राजनीतिक मैसेज, दलितों का मूड क्‍या कहता है

सोमवार को भारत बंद के दौरान हिंसा

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को विभिन्न दलित संगठनों ने भारत-बंद का आयोजन किया था. इस दौरान देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए और 10 लोगों की मौत भी हो गई .केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी.

ये भी पढ़ें- SC-ST एक्ट VIDEO | दलितों के गुस्से के कारण और 2019 चुनावों पर असर

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 03 Apr 2018,11:08 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT