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दिल्ली के शाहीन बाग में इस बार गणतंत्र दिवस कुछ अलग तरीके से मनाया गया. यहां नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रात को पहले संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और सुबह होते ही तिरंगों के साथ गणतंत्र दिवस का स्वागत किया. हालांकि दावे के मुताबिक 10 लाख लोग तो शाहीन बाग नहीं पहुंच पाए, लेकिन वहां की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था. शाहीन बाग के अलावा खुरेजी में भी हजारों लोगों ने हाथों में तिरंगा लिए सड़कों पर उतरकर गणतंत्र दिवस मनाया.
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दिवंगत छात्र रोहित वेमुला की मां भी शाहीन बाग पहुंची और गणतंत्र दिवस के जश्न का हिस्सा बनीं. वेमुला की मां ने यहां भारत का झंडा फहराया.
सीएए के विरोध के इस मुद्दे पर हाल ही में वेमुला की तस्वीरें मुस्लिम-दलित एकता के चेहरे के रूप में सामने आई थीं. हित की मां शाहीन बाग की प्रसिद्ध 'दादी' और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के साथ नजर आईं. भारत के 71वें गणतंत्र दिवस पर हजारों की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रगान भी गाया.
इस दौरान कई लोग नागरिकता कानून का विरोध भी जताते दिखे. पूरे शाहीन बाग में भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लग रहे थे. वहीं लोगों ने 'एनआरसी-सीएए मुर्दाबाद' के नारे भी लगाए.
शाहीन बाग के अलावा दिल्ली के खुरेजी में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. यहां के लोगों ने भी इस गणतंत्र दिवस को कुछ खास अंदाज में मनाया. यहां महिलाओं ने तिरंगे के रंग में रंगा हुआ हिजाब पहना हुआ था. वहीं महिलाओं के हाथों में तिरंगे वाली चूड़ियां दिखीं. खुरेजी और शाहीन बाग से देशभक्ति की मिसाल देती हुई ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिली.
बता दें कि पिछले करीब 40 दिनों से शाहीन बाग में महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि जब तक ये कानून वापस नहीं लिया जाता उनका प्रदर्शन चलता रहेगा. इस प्रदर्शन के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं. दिल्ली पुलिस भी लगातार लोगों से प्रदर्शन की जगह बदलने की अपील कर रही है.
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