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"पैसे का गुरूर था. उसके बाउंसर सोसाइटी में घूमते थे, जिम से लेकर स्वीमिंग पूल जाते तो बाउंसर साथ जाते, जबरन अपने फ्लैट के बाहर कब्जा कर रखा था. लग्जरी गाड़ी का भौकाल दिखाते, लोगों में डर था इसलिए नहीं बोलते थे कि कौन परेशानी में फंसे, लेकिन एक वीडियो ने सारी सच्चाई बता दी." ये बातें कथित बीजेपी नेता और 'गालीबाज' श्रीकांत त्यागी के लिए उनकी सोसाइटी के लोग कह रहे हैं.
क्विंट की टीम ने जब उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93बी के ग्रैंड ओमैक्स हाउसिंग सोसायटी (Grand Omax Housing Society) के लोगों से मुलाकात की तो उन्होंने ये बाते कहीं. फिलहाल श्रीकांत त्यागी (Srikant Tyagi) फरार है, पुलिस ने उसपर 25000 रुपए का इनाम रखा है.
दरअसल, श्रीकांत त्यागी का एक महिला के साथ बदतमीजी करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी की मांग उठने लगी थी. पुलिस तो उसे नहीं दबोच पाई, उसके गुर्गे सोसाइटी में घुस आए और उस महिला का पता पूछने लगे. हंगामा बढ़ा तो पुलिस आई, बीजेपी सांसद महेश शर्मा पहुंचे और उन्हें कहना पड़ा कि उन्हें शर्म आती है कि यहां उनकी सरकार है.
ग्रैंड ओमेक्स हाउसिंग सोसायटी के रहने वाले कर्नल अजित सिंह बताते हैं कि साल 2019 में भी श्रीकांत त्यागी ने अपने ग्राउंड फ्लोर वाले फ्लैट के सामने पाम ट्री लगाया था और जबरदस्ती उस एरिया को घेर लिया था. और उसे अपनी नीजि संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करता था. पिछली बार भी शिकायत हुई थी, लेकिन उन शिकायतों पर एक्शन नहीं हुआ. बल्कि उलटा कुछ लोगों पर झूठे केस करवाए थे."
श्रीकांत त्यागी के अवैध कब्जे पर सोमवार को प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है. ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट के बाहर खास तरह का शीशे और लकड़ी का स्ट्रक्चर डिजाइन करवाया था. फ्लैट के सामने खाली जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर कब्जा कर रखा था. इसी कब्जे को लेकर सोसाइटी की एक महिला ने विरोध जताया था, जिसपर श्रीकांर त्यागी ने महिला के साथ अभद्रता की और धमकी दी. फिलहाल नोएडा विकास प्राधिकरण की टीम ने पुलिस के साथ बुलडोजर और लेबर लेकर अवैध अतिक्रमण हटा दिया है. अवैध कब्जे को हटाए जाने के बाद सोसाइटी के कई लोगों में खुशी देखने को मिली.
ग्रैंड ओमेक्स हाउसिंग सोसायटी के रहने वाली नमिता सिंह बताती हैं,
वहीं नाम न छापने की शर्त पर एक महिला ने बताया कि श्रीकांत त्यागी खुद को बीजेपी का नेता बताते थे, अलग-अलग नेताओं के साथ फोटो है उनकी. हमने सुना है कि बीजेपी कह रही है कि वो उनकी पार्टी से नहीं है, तो फिर बीजेपी ने क्यों नहीं इतने दिनों से इस बात को पकड़ सकी. आप सोशल मीडिया से लेकर कहीं भी पता चलाइए, सब बताएंगे कि वो बीजेपी से जुड़ा हुआ था. चलिए मान लीजिए वो किसी पार्टी से नहीं था लेकिन फिर भी पिछली शिकायत पर अथॉरिटी ने एक्शन क्यों नहीं लिया? क्यों इतना वक्त लगा."
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