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सुपरटेक ट्विन टावरों (Supertech Twin Towers) को रविवार, 28 अगस्त को ढहा दिया गया. इन टावरों से कुछ मीटर दूर जेपी फ्लाईओवर की तरफ तीन परिवार सुबह अपनी झोपड़ियों के बाहर तोड़फोड़ देखने के लिए बैठे थे, जबकि ऊंची इमारतों के निवासियों को अस्थायी आवास में स्थानांतरित किया जा रहा था. इन परिवारों ने दावा किया कि उन्हें किसी ने हटने के लिए नहीं कहा.
पचास वर्षीय हंसराज, उनकी पत्नी और उनकी बेटियों ने दोपहर के आसपास अपना खाना और तौलिये पैक करना शुरू कर दिया. हंसराज ने कहा कि
उनकी पत्नी लेखा ने कहा, “हम और कहां जाएंगे? हम जमीन पर ही बैठेंगे. मैंने परिवार के लिए सुबह जल्दी खाना तैयार किया."
इस बीच, रेशमा और उसकी भाभी लेखा, जनरल स्टोर से अपने पति के वापस आने का इंतजार कर रही थीं. “मेरे पति ने मुझे बताया कि अलग-अलग सोसायटी के लोगों को क्लब हाउस में ले जाया गया. हमारे पास कोई नहीं आया, शायद इसलिए कि हम फ्लाईओवर के पास रहते हैं. मीडिया और पुलिस को देखकर मुझे लगा कि पुलिस हमें बाहर कर देगी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने हमसे कहा कि हम यहां रुक सकते हैं और दोपहर 2-2.30 बजे के आसपास मैदान में जा सकते हैं”
झोपड़ियों के निवासियों के बारे में पूछे जाने पर, नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “फ्लाईओवर मीडिया के लिए डेमोलिशन देखने के लिए सुरक्षित स्थान था. हम किसी के बारे में नहीं भूले या उन्हें खतरे में नहीं डाला. साथ ही, परिवारों को डेमोलिशन और स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में कुछ दिन पहले सूचित किया गया था. बीती रात ज्यादातर परिवार अपनी झोपड़ियों से निकलकर किसी और जगह चले गए. यहां गिने-चुने ही बचे थे. हमने भी उन्हें नहीं हटाया क्योंकि स्थानीय लोग डेमोलिशन देखने के लिए मौके पर जमा हो गए थे."
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