Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रेप सर्वाइवर मांगलिक है? इलाहाबाद HC के कुंडली जांचने वाले आदेश पर SC की रोक

रेप सर्वाइवर मांगलिक है? इलाहाबाद HC के कुंडली जांचने वाले आदेश पर SC की रोक

Allahabad High Court ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग सप्ताह भर में कुंडली की जांच करने का आदेश दिया था.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>रेप सर्वाइवर मांगलिक है? इलाहाबाद HC के कुंडली जांचने वाले आदेश पर SC की रोक</p></div>
i

रेप सर्वाइवर मांगलिक है? इलाहाबाद HC के कुंडली जांचने वाले आदेश पर SC की रोक

(फोटो: IANS)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बारे में लाइव लॉ की रिपोर्ट पर, जिसमें लखनऊ यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग को एक महिला की कुंडली की जांच करने का निर्देश दिया गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह मांगलिक है या नहीं. इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दिया है.

जस्टिस सुधांशु धूलिया और पंकज मित्तल की बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को आरोपी की जमानत याचिका पर गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का निर्देश दिया है.

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, प्रयागराज में कुछ दिनों पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक मामला सामने आया था, जिसमे विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर दुष्कर्म का आरोप लगा था. इस केस में रेप पीड़िता की शिकायत पर प्रोफेसर को जेल हो गई थी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट में रेप के आरोपी प्रोफेसर ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि पीड़िता मांगलिक है, इसलिए प्रोफेसर उससे शादी नही कर सकता है. आरोपी के इस बयान को सुनने के बाद कोर्ट ने कुछ बातों को ध्यान में रख के लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग को रेप पीड़िता की कुंडली की जांच करने का आदेश दिया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था और कहा था कि लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग सप्ताह भर में कुंडली की जांच कर के बताएं कि रेप पीड़िता मांगलिक है या नही. पीड़िता की कुंडली हाई कोर्ट ने बंद लिफाफे में मांगी थी.

अब जब यह खबर मीडिया और इंटरनेट पर वायरल हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने  स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश रोक लगा दिया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT