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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिकंदराबाद में तेलंगाना मुक्ति दिवस (Telangana Liberation Day) पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि तेलगांना मुक्ति के 75 साल पूरे हो रहे हैं. सरदार पटेल नहीं होते तो तेलगांना को इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलती.
उन्होंने मौजूदा सरकार और पूर्व सरकारों को सरदार पटेल के योगदानों को भुलाने पर भी घेरा. गृह मंत्री ने कहा कि 75 साल से, किसी भी सरकार ने युवाओं को इस महान दिन से परिचित कराने के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया. तुष्टिकरण की राजनीति के कारण, वे डरे हुए थे और उन्होंने तेलंगाना मुक्ति दिवस नहीं मनाया.
अमित शाह ने कहा कि इस बार पीएम मोदी ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि देश की आजादी के बाद क्रूर निजाम ने 399 दिनों तक राज्य भर में शासन किया. वे 399 दिन तेलांगना वासियों के लिए यातनापूर्ण थे. सरदार पटेल ने राज्य को 400वें दिन आजादी दिलाने में सहायता की.
गृह मंत्री ने कहा कि तेलांगना दिवस मनाने के हमारे तीन उद्देश्य हैं.
नई पीढ़ी को महान संघर्ष की याद दिलाना और उनके अंदर देशभक्ति के संस्कार से संचित करना
उन शहीदों को श्रद्धांजलि देना, जिन्होंने हैदराबाद मुक्ति के लिए बलिदान दिया
तीसरा, अपना आप के लिए है, राष्ट्र को पुनर्समर्पित करना, राष्ट्र के लिए शहीदों ने जो सपने देखे थें, उन्हें पूरा करना
आजादी के बाद भारत के एकीकरण की लंबी और पेचीदा प्रक्रिया को याद करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने आजादी के बाद भारत के एकीकरण का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को दिया. उन्होंने कहा कि यह सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयास थे कि निजाम के रजाकारों ने आत्मसमर्पण कर दिया.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्री और तेलंगाना में बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी भी मौजूद रहे. बता दें कि हैदराबाद राज्य, जो निजाम के शासन के अधीन था, उसका 17 सितंबर 1948 को भारत में विलय हो गया.
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