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ट्रेन को लेकर शुरू हुआ ममता बनाम केंद्र, TMC बोली-माफी मांगें शाह

केंद्र और ममता सरकार के बीच ताजा विवाद गृह मंत्री अमित शाह के एक खत से शुरू हुआ है

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भारत
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केंद्र और ममता सरकार के बीच ताजा विवाद गृह मंत्री अमित शाह के एक खत से शुरू हुआ है
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केंद्र और ममता सरकार के बीच ताजा विवाद गृह मंत्री अमित शाह के एक खत से शुरू हुआ है
(फोटो: altered by the quint)

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गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खत लिखने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है. शाह ने खत में लिखा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी कामगारों के साथ अन्याय है.

इस पर TMC के नेताओं ने गृह मंत्री और बीजेपी पर हमला बोल दिया है. TMC के सांसद और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, "संकट के इस समय में अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकामयाब रहे एक गृह मंत्री ने हफ्तों की चुप्पी तोड़ी है तो सिर्फ लोगों को झूठ से गुमराह करने के लिए. विडंबना देखिए कि वो उन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं जिनको केंद्र सरकार ने अपने हालात पर छोड़ दिया है. मिस्टर अमित शाह, अपने झूठे आरोपों को साबित कीजिए या फिर माफी मांगिए."

अभिषेक बनर्जी के अलावा TMC के प्रवक्ता और सांसद डेरेक ओब्रयान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "

गृह मंत्री गहरी नींद से जाग गए हैं. हम सोच रहे थे कि क्या इन 40 दिनों में मजदूरों को मुट्ठी भर चावल भी मिला है? आपने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काट ली. पहले इन सवालों के जवाब दीजिए. 

पार्टी के दूसरे प्रवक्ताओं ने कहा, "ये कहना सही नहीं है कि सीएम ममता बनर्जी प्रवासियों को इजाजत नहीं दे रही हैं. 16 मजदूर मारे गए हैं, क्या रेल मंत्री जिम्मेदारी लेंगे?"

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पूरा मामला क्या है?

केंद्र और ममता सरकार के बीच ताजा विवाद गृह मंत्री अमित शाह के एक खत से शुरू हुआ है. शाह ने 9 मई को ममता को एक खत भेजा, जिसमें लिखा था कि केंद्र सरकार को प्रवासियों को घर पहुंचाने में ममता सरकार का समर्थन नहीं मिल रहा है. शाह ने आरोप लगाया कि ममता सरकार ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही हैं.

खत में लिखा गया, "पश्चिम बंगाल के प्रवासी भी घर पहुंचना चाहते हैं. केंद्र सरकार इसके लिए इंतजाम कर रही है लेकिन राज्य सरकार का समर्थन नहीं मिल रहा है. ट्रेनों को इजाजत नहीं देना प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है. इससे उनके लिए और मुसीबत पैदा होंगी."

ममता सरकार पर पहले भी लगे केंद्र के आरोप

गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार इंटरनेशनल कार्गो की आवाजाही को इजाजत नहीं दे रही है और इससे डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी किए गए आदेश का उल्लंघन होता है.

गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था, "राज्य सरकार जरूरी सामान के क्रॉस-बॉर्डर मूवमेंट को रोक रही है. इससे भारत सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है."

IMCT टीम के दौरे पर भी विवाद

इससे पहले केंद्र की तरफ से पश्चिम बंगाल भेजी गई इंटर मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम (IMCT) पर भी विवाद हुआ था. केंद्र की तरफ से आरोप लगाया गया था कि टीम को मरीजों से मिलने और अन्य गतिविधियों से रोका जा रहा है.

गृह मंत्रालय ने कहा था, "इस टीम को बाकी सभी राज्यों से पूरा सहयोग मिल रहा है, लेकिन जो टीमें पश्चिम बंगाल गई हैं. उन्हें राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्हें क्षेत्र में विजिट करने से रोका जा रहा है. उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत नहीं करने दी जा रही है."

वहीं ममता ने टीम के भेजे जाने पर सवाल उठाया था. ममता ने ट्विटर पर कहा था कि केंद्र ने देश के जिन जिलों के लिए IMCT का गठन किया है उनका उद्देश्य साफ नहीं है. ममता ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री से कहा था कि कृपया आप इसके मानदंडों को हमारे साथ शेयर करें.

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