कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर राज्य में अलग-अलग स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. लेकिन कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पर कोरोना का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिल रहा है. ऐसे चार राज्यों में केंद्र सरकार की तरफ से एक स्पेशल टीम भेजी गई है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल भी शामिल है. लेकिन ममता सरकार केंद्र की इस टीम को लेकर सवाल खड़े कर रही है. वहीं अब केंद्र की तरफ से भी आरोप लगाया गया है कि इस इंटर मिनिस्टीरियल टीम को मरीजों से मिलने और अन्य गतिविधियों से रोका जा रहा है.
गृहमंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि पश्चिम बंगाल में इंटर मिनिस्टीरियल टीम को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गृहमंत्रालय ने बताया,
“इस टीम को बाकी सभी राज्यों से पूरा सहयोग मिल रहा है, लेकिन जो टीमें पश्चिम बंगाल गई हैं. उन्हें राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्हें क्षेत्र में विजिट करने से रोका जा रहा है. उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत नहीं करने दी जा रही है और ना ही ग्राउंड लेवल सिचुएशन का आंकलन करने दिया जा रहा है. जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेशों का उल्लंघन है.”
राज्य सरकार को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है कि वो गृहमंत्रालय के 19 अप्रैल 2020 के ऑर्डर का पालन करे. सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करे, ताकि ये इंटर मनिस्टीरियल टीम सुचारू रूप से अपनी जिम्मेदारियों को निभा सके.
इससे पहले इस टीम को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सवाल उठाए थे. ममता ने ट्विटर पर कहा था कि केंद्र ने देश के जिन जिलों के लिए इंटर मनिस्टीरियल टीम सेंट्रल टीम का गठन किया है उनका उद्देश्य साफ नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री से कहा कि कृपया आप इसके मानदंडों को हमारे साथ शेयर करें. ममता ने कहा कि
“तब तक मैं आशंकित रहूंगी, हम इसे लेकर आगे नहीं बढ़ पाएंगे. बिना किसी ठोस कारण के हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं और ये फैसला संघवाद की भावना के मुताबिक नहीं हो सकता है.”ममता बनर्जी
चार राज्यों के प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई टीम
गृहमंत्रालय की तरफ से देश के चार राज्यों के उन जिलों में टीम भेजी गई है, जहां कोरोना की स्थिति काफी गंभीर है. इन जिलों में राजस्थान का जयपुर, मध्य प्रदेश का इंदौर, महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे, पश्चिम बंगाल के कोलकाता-हावड़ा-24 परगना, मदनीपुर ईस्ट, दार्जलिंग और जलपाईगुड़ी शामिल हैं. इन जिलों में आपदा प्रबंधन अधियनियम 2005 के अंतर्गत 6 स्पेशल टीमें भेजी गई हैं. हर टीम में 6 सदस्य हैं. जिसमें एक पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं.
केंद्र की तरफ से भेजी गई इस टीम को अब पश्चिम बंगाल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. कोलकाता में विजिट के दौरान टीम के साथ स्थानीय पुलिस और बीएसएफ की कई गाड़ियां दिखीं. सुरक्षाबलों की सभी गाड़ियां इस टीम को एस्कॉर्ट कर रही हैं.
क्या है इन टीमों का काम?
ये टीमें हॉटस्पॉट एरिया और अन्य चीजों को लेकर राज्य सरकारों की मदद करेगी. इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा, लॉकडाउन का पालन, स्वास्थ्य सुविधाएं और गरीबों को मिलने वाली मदद पर भी सरकार को रिपोर्ट करेंगे. राज्य सरकार की तरफ से प्रभावित इलाके में दी जा रही सुविधाओं और अन्य सभी व्यवस्थाओं पर भी इस टीम की नजर रहेगी.
बता दें कि पहले केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया, इसके बाद ममता सरकार ने कहा कि केंद्र की तरफ से राज्य को टेस्टिंग किट नहीं दिए जा रहे हैं. ये तनातनी लगातार जारी है.
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