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पिछले 116 दिनों से नजरबंद चल रहे जम्मू कश्मीर के दो पूर्व विधायकों को गुरुवार रात एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर उन्हें रखा गया था, वहां उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और गांदरबल के पूर्व विधायक इश्फाक अहमद को गुरुवार रात सौरा में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) ले जाया गया.
इन पूर्व विधायकों को 5 अगस्त से नजरबंद रखा गया था, जब केंद्र ने जम्मू और कश्मीर में 370 को रद्द करने का ऐलान किया था. अधिकारियों ने कहा कि दोनों को एसकेआईएमएस में भर्ती कराया गया है और दोनों के कार्डियक संबंधी टेस्ट कराए जा रहे हैं. 61 वर्षीय सागर ने श्रीनगर में खानयार विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है और फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के मंत्रिमंडल में अहम पदों पर काम किया है.
जम्मू कश्मीर में भीषण सर्दी की वजह से नजरबंद किए गए नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं और उनकी सुरक्षा करने वाले सुरक्षाकर्मियों की सेहत में असर पड़ा है.
प्रशासन ने राजनीतिक कैदियों को नजरबंद करने के लिए एमएलए हॉस्टल के कमरों में जरूरी बदलाव किया था. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के गृह विभाग के एक आदेश के द्वारा एमएलए हॉस्टल को एक सहायक जेल के तौर पर घोषित किया गया है. हिरासत में लिए गए नेताओं में से कई के परिजनों ने मेक-शिफ्ट सहायक जेल की खराब सुविधाओं के बारे में शिकायत की है, जिसमें सर्दियों के महीनों में हीटिंग की अपर्याप्त व्यवस्था शामिल है.
नजरबंद किए गए कई नेताओं के परिजनों ने उनके लिए रजाई-गद्दों की व्यवस्था की है, क्योंकि एमएलए हॉस्टल में कोई हीटिंग सिस्टम नहीं था.
बता दें कि तीन पूर्व मुख्यमंत्री - फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी नजरबंद हैं. फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 17 सितंबर को उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया, जबकि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को शहर के अलग-अलग हिस्सों पर नजरबंद रखा गया है. महबूबा मुफ्ती को हाल ही में शहर में एक सरकारी आवास में शिफ्ट किया गया है. इससे पहले उन्हें जबेरवन रेंज की तलहटी में स्थित एक पर्यटक आवास में रखा गया था.
(इनपुट: PTI)
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