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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 14 फरवरी को कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वें स्थान पर होना चिंतनीय है.
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी आईएआरआई के 58वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे.
उन्होंने संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘आईएआरआई ने गेहूं की उन्नत किस्म तैयार करके देश में हरित क्रांति का सूत्रपात किया. हरित क्रांति के बाद भी कृषि के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धि उल्लेखनीय है, जिसकी बदौलत देश में गेहूं का उत्पादन 10.1 करोड़ टन और धान का उत्पादन 11.5 करोड़ टन तक चला गया है.’
खाद्यान्नों के उत्पादन में भारत की उपलब्धि का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा,
उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय संस्थान को देते हुए कहा कि संस्थान द्वारा विकसित की गई फसलों की उन्नत किस्मों और प्रौद्योगिकी से ही यह उपलब्धि हासिल हुई है.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा समेत संस्थान के अधिकारी, प्रोफेसर कृषि वैज्ञानिक और स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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