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पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से पुलिस बैरिकेड्स तोड़ डाले. सैकड़ों की संख्या में लोग अमृतपाल के करीबी सहयोगी तूफान सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतर आए और थाने पहुंच घेराव किया. इस हमले में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है, हालांकि अभी पुलिसकर्मियों के घायल होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
अमृतपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारे साथी के खिलाफ राजनीतिक मंशा के साथ FIR दर्ज की गई है. इनको लगता है कि हम कुछ करने लायक नहीं है. अगर वो एक घंटे के भीतर केस को रद्द नहीं करते हैं तो जो कुछ यहां होगा उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा."
उनका दावा है कि जिस व्यक्ति की शिकायत पर उनके साथी को गिरफ्तार किया गया है उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है. अमृतपाल सिंह ने कहा कि "इन्होंने छह व्यक्तियों को नामजद किया और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ पर्चा लिखा. ये सब एक ऐसे व्यक्ति के बयान पर जो मानसिक रूप से बीमार है." अमृतपाल सिंह ने थाने के भीतर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ''अगर वे इस पर्चे को रद्द नहीं करते हैं तो यहीं कैंप लगाएंगे ''
अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया है
जन्म साल 1993 में पंजाब के अमृतसर में हुआ था
बाबा बकाला तहसील के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला
12वीं तक पढ़ाई करने के बाद 2012 में पूरा परिवार दुबई चला गया
दीप सिद्धू की मौत के बाद वह भारत लौटा और 'वारिस पंजाब दे' को लीड करने लगा
'वारिस पंजाब दे' संगठन की नींव पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने रखी थी
अमृतपाल सिंह को खालिस्तान का समर्थक माना जाता है
वह भिंडरावाले को अपना आदर्श मानता है
अमृतपाल सिंह पर अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं
पिछले कुछ महीनों से अमृतपल ने पंजाब में नशे के खिलाफ और सिख उसूलों के प्रचार के लिए मुहिम छेड़ी हुई है
दरअसल, 15 फरवरी को एक शख्स की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद वरिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट की थी. इसके बाद वरिंदर कि शिकायत पर अजनाला पुलिस ने एक युवक का अपहरण और पिटाई करने के आरोप में वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह खालसा और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
पीड़ित वरिंदर ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि वह दरबार साहिब में मत्था टेकने आया था और उसके बाद वह भाई अमरीक सिंह के साथ अजनाला के कैंप में एक कार्यक्रम में शामिल होने आया था. लेकिन, यहां अमृतपाल सिंह के साथी उसे साथ ले गए और पिटाई की.
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